KNEWS DESK… केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को एक बार फिर से UCC पर अपने समर्थन को दोहराया है. आरिफ मोहम्मद ने कहा है कि केवल केंद्र सरकार ही इसे लागू करने का काम कर सकती है. इसके लिए केंद्र को सबसे पहले UCC के उचित कार्यान्वयन लिए के लिए मार्ग प्रशस्त करना होगा.
दरअसल आपको बता दें कि राज्यपाल आरिफ ने कहा कि ‘अनुच्छेद 44 कहता है कि समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन सुनिश्चित करना हरेक राज्य की जिम्मेदारी है. इस पर आपत्तियां उठाई जा सकती है, लेकिन मैं यह पहले ही कह चुका हूं कि अनुच्छेद 44 एक निदेशक सिद्धांत है. जो सरकार को उचित कार्यान्वयन के लिए एक व्यवस्था के रूप में खड़ा करता है. आज UCC की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार हमारे देश में कानून संहिताबद्ध नहीं है, बल्कि यह घोषणात्मक है. समाज में विवाह एवं गोद लेने जैसे विषय धार्मिक कानूनों पर आधारित होने चाहिए. लेकिन अंग्रेजों ने कभी भी इस बात पर जोर नहीं दिया कि हमारे देश के धार्मिक कानून क्या होंगे.’
तलाक जैसी प्रथाओं के समाप्त करने के लिए UCC कानून का समर्थन किया
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यपाल आरिफ ने तीन तलाक जैसी प्रथाओं के समाप्त करने के लिए UCC कानून का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का एक मात्र मकसद सभी के लिए एक समान कानून को लागू करना है. उन्होंने कहा कि अगर इस कानून को अच्छे से लागू किया जाएगा तो मुसलमानों को भी इससे फायदा होने वाला है.
लोकसभा में UCC 2017 में पारित हो गया था- आरिफ मोहम्मद
राज्यपाल आरिफ ने कहा कि ‘आज की स्थिति इतनी गंभीर है कि यदि अदालत मेरे पक्ष में आदेश देती है तो मुझे खुशी होगी, लेकिन यदि मेरे पक्ष में फैसला नहीं देती है तो लोग आरोप लगाते हैं कि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. आगे कहा कि तीन तलाक की प्रथा अवैध एवं असंवैधानिक है. कुरान में जो कुछ कहा गया है यह उसका उल्लंघन है. लोकसभा में UCC 2017 में पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने इसे बहुमत से पास होने नहीं दिया है.’