KNEWS DESK…. बेंगलुरु में महिला यात्री ने सरकारी बस कंडक्टर के टोपी पहनने पर सवाल उठाया। इसके बाद कंडक्टर को अपनी टोपी उतारनी पड़ी। महिला का कहना था कि अपने धर्म का पालन करना है तो घर या मस्जिद में करें।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है एक बस कंडक्टर ड्यूटी के दौरान टोपी पहना हुआ था।जिसे लेकर महिला लगातार सवाल उठा रही है। महिला ने कंडक्टर से बहस करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी होने के नाते उन्होंने टोपी क्यों पहनी है। महिला ने कंडक्टर से पूछा कि क्या उसे अपनी वर्दी के साथ टोपी पहनने की इजाजत है। क्या ये टोपी उसके ड्रेस कोड का हिस्सा है। कंडक्टर ने जवाब दिया कि वो कई साल से टोपी पहन रहा है। और इससे पहले किसी ने आपत्ति नहीं जताई।लेकिन महिला ने एक नहीं सुनी। महिला ने कहा कि उसे अपने धर्म का पालन घर या मस्जिद में करना चाहिए। साथ ही कहा कि एक सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान टोपी नहीं पहन सकता। कंडक्टर को टोपी उतारने के लिए मजबूर किया गया और इसकी शिकयत करने की धमकी भी दी। इसके बाद कंडक्टर अपनी टोपी उतार देता है।
कर्नाटक के रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन कहा
ड्यूटी पर टोपी पहनने माला पहनने या तिलक लगाने को लेकर कोई सख्त नियम या इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है।उन्होंने कहा कि दशकों पहले बस ड्राइवर और कंडक्टरों को लेकर आचार संहिता लागू की गई थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी अपने धर्म से संबंधित कुछ भी पहनने से रोकेन के लिए कोई नियम नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया कि नियम में इसकी वकालत भी नहीं की गई है।