झारखंड उच्च न्यायालय ने ‘मैय्या सम्मान योजना’ पर सरकार ने दी प्रतिक्रिया, चुनौती देने वाली जनहित याचिका की खारिज

KNEWS DESK, झारखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार की ‘मैय्या सम्मान योजना’ को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति दीपक रौशन की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता विष्णु साहू द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाया। साहू ने इस योजना को चुनावी लाभ के लिए शुरू किए जाने का आरोप लगाया था, लेकिन अदालत ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

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‘मैय्या सम्मान योजना’ पर अदालत का फैसला

‘मैय्या सम्मान योजना’ के तहत राज्य सरकार 21 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को सालाना 12,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। साहू ने इस योजना को एक राजनीतिक हथकंडा बताते हुए दावा किया था कि इसे केवल आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वोटरों को आकर्षित करने के लिए लागू किया गया है। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप करना न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, खासकर जब योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना हो।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया

अदालत के फैसले पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकार को कानूनी प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि यह योजना झारखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सोरेन ने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली राशि दिसंबर से उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

झामुमो नेताओं की सराहना

झामुमो की नेता कल्पना सोरेन ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “यह झारखंड की महिलाओं की बड़ी जीत है। अदालत का यह निर्णय उन महिलाओं के हक में है, जिन्हें इस योजना से वित्तीय सहायता मिल रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि दिसंबर से योजना के तहत प्रत्येक पात्र महिला के खाते में 2,500 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी।

राजनीतिक दृष्टिकोण

यह योजना राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में 81 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनावों के मद्देनजर यह योजना चर्चा का विषय बनी हुई है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार का चुनावी हथकंडा करार दिया था, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी ने इसे महिलाओं के कल्याण के लिए एक दूरगामी और जनहितकारी योजना बताया है। झारखंड में विधानसभा चुनावों का पहला चरण 13 नवंबर को समाप्त हो चुका है, जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होना है। चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं और विभिन्न योजनाओं को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।

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