डिजिटल डेस्क- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। जामताड़ा जिले के नारायणपुर में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान उन्होंने SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया पर बोलते हुए ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। मंच से संबोधन के दौरान मंत्री अंसारी ने कहा कि यदि कोई पदाधिकारी या बीएलओ वोटर लिस्ट में नाम काटने के लिए गांव आए, तो उसे गेट में ताला लगाकर बंद कर दीजिए… फिर मैं आकर गेट खुलवाऊंगा। मंत्री ने बिहार का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहाँ 65 लाख वोटरों के नाम काट दिए गए, जिनकी जगह उन लोगों के नाम जोड़े गए जो बीजेपी के समर्थन वाले और बाहरी थे। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाना 80 विधानसभा सीटों के बराबर प्रभाव डालता है, जिसे उनके मुताबिक हमसे छीन लिया गया।
बयान के बाद विपक्ष में पनपा आक्रोश
जैसे ही यह बयान सामने आया, विपक्षी दलों में आक्रोश फैल गया और सोशल मीडिया पर मंत्री की कड़ी आलोचना होने लगी। बीजेपी ने इस बयान को “जनता को उकसाने वाला और संवैधानिक प्रक्रिया में खुला हस्तक्षेप” बताया। बीजेपी जिला अध्यक्ष सुमित शरण ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ऐसी बातें तब कही गईं जब जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रवि आनंद वहीं मौजूद थे। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाली प्रवृत्ति बताया। मंत्री अंसारी ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि बीजेपी SIR की आड़ में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट की “काट-छांट” की तैयारी कर रही है। उन्होंने दावा किया कि 20 प्रकार के दस्तावेज़ों की मांग करके लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाने और नाम हटाने की साजिश हो रही है।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब मंत्री इरफान अंसारी अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए हों। इसी साल फरवरी में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि सीएम योगी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं लगता और उन पर भड़काऊ व विभाजनकारी बयान देने का आरोप लगाया था।