KNEWS DESK- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की नाराजगी के बाद, कांग्रेस नेता और विदेश शाखा के प्रमुख सैम पित्रोदा ने आईआईटी रुड़की में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई अश्लील कंटेंट की घटना पर सफाई दी है। पित्रोदा ने कहा कि उनका भाषण शुरू होते ही हैकर ने वीडियो कॉल को हैक कर लिया और स्ट्रीमिंग पर अश्लील सामग्री चलने लगी, जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को तुरंत समाप्त कर दिया।
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार रात को एक बयान जारी कर कहा था कि सैम पित्रोदा का यह दावा कि यह घटना आईआईटी रांची में हुई, गलत और आधारहीन था। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रांची में आईआईटी नहीं है, बल्कि वहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि IIIT रांची ने यह पुष्टि की है कि उन्होंने सैम पित्रोदा को किसी सम्मेलन या सेमिनार में बोलने के लिए आमंत्रित नहीं किया था। शिक्षा मंत्रालय ने इस तरह के भ्रामक दावों से संस्थान की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
सैम पित्रोदा ने अपनी सफाई में सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “मुझे आईआईटी रुड़की में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। यह कार्यक्रम 1 फरवरी 2025 को आयोजित हुआ था, और मैंने जूम कॉल के जरिए छात्रों और फैकल्टी को संबोधित किया। दुर्भाग्य से, कार्यक्रम के कुछ मिनटों बाद ही एक हैकर ने वीडियो कॉल को हैक कर लिया और अश्लील कंटेंट स्ट्रीम करने लगा। हमने तुरंत वीडियो कॉल को बंद किया और इवेंट को समाप्त कर दिया। यह घटना अत्यंत परेशान करने वाली थी, खासकर एक शैक्षिक संस्थान में, जो शिक्षा और विकास का स्थान है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण चिंता को उजागर करती है और यह हमें डिजिटल सुरक्षा और निगरानी के महत्व की याद दिलाती है। पित्रोदा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दों को गंभीरता से उठाती हैं।
यह घटना न केवल शैक्षिक संस्थान के लिए बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा की जरूरत पर भी सवाल उठाती है। पित्रोदा का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि डिजिटल जगत में सुरक्षा और निगरानी की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
आईआईटी रुड़की और अन्य शैक्षिक संस्थानों को इस प्रकार की साइबर घटनाओं से बचने के लिए अधिक सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता महसूस हो रही है। साथ ही, शिक्षा मंत्रालय और अन्य संस्थानों को इस प्रकार के घटनाओं की गंभीरता को समझते हुए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। सैम पित्रोदा की सफाई और शिक्षा मंत्रालय की नाराजगी के बाद अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या संस्थान इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा को और मजबूत करेंगे।
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