जम्मू कश्मीर के बारामूला और लद्दाख में वोटिंग जारी, उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन की किस्मत का होगा फैसला

KNEWS DESK- जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट पर सुबह से वोटिंग जारी है। इस सीट से उमर अब्दुल्ला समेत कुल 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पांचवे चरण में लद्दाख सीट पर भी वोटिंग हो रही है। वोटिंग सेंटर के आस- पास सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त है।

लद्दाख क्षेत्रफल के हिसाब से देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है लेकिन वोटर लगभग एक लाख चौरासी हजार ही हैं। कारगिल जिले में लगभग 96,000 और लेह जिले में 88,000 से ज्यादा वोटर हैं। लद्दाख में कांग्रेस उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल, बीजेपी के ताशी ग्यालसन और नेशनल कॉन्फ्रेंस से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हाजी हनीफा जान के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

बारामूला लोकसभा सीट तीन जिलों कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा के 18 विधानसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसमें बडगाम के दो खंड भी शामिल हैं जिन्हें परिसीमन के बाद इस लोकसभा सीट में शामिल किया गया था। उमर अब्दुल्ला को सबसे बड़ी चुनौती अलगाववादी से नेता बने सज्जाद लोन से मिल रही है। जेल में बंद अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता और पूर्व विधायक अब्दुल रशीद शेख उर्फ ​​इंजीनियर रशीद की मौजूदगी ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।

बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से एनसी उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये उम्मीद करूंगा कि लोग अपने वोट का इस्तेमाल करें। जम्हूरियत में सबसे बड़ी चीज जो है वो लोगों की आवाज है और आवाज बुलंद करने का तरीका वोट है। मेरी बारामूला लोकसभा के वोटरों से यही अपील होगी कि वो बढ़ चढ़कर इस इलेक्शन में हिस्सा लें और अपने वोट का इस्तेमाल करें।

श्रीनगर सीट से एनसी उम्मीदवार आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी ने कहा कि उम्मीद यही है कि लोग इस पार्लिएमेंटरी कोंस्टीटूएंसी में अक्सरियत के साथ निकलेंगे और अक्सरियत के साथ नेशनल कांफ्रेंस को, उमर साहब को पार्लियामेंट में भेजेंगे, अपना वोट देंगे इनके हक में। चूंकि पता है मुकाबला किनके साथ है, मुकाबला बीजेपी के साथ है। उनके प्रोक्सीस के साथ है, बीजेपी की पोलिसीस के साथ है। अगर हम इस वक्त सही उम्मीदवार के लिए, सही नंबर्स में ना निकले तो मुल्क में जो हालात बने हुए हैं, दस साल के लिए उनको कंटिन्यू रखने में हमारा हाथ होगा या हम जिम्मेदार होंगे। तो एस वक्त मुल्क के लिए, हमारे हकों के लिये बहुत जरूरी है।

पहली बार वोट डालने पहुंचे युवा वोटर लोकतांत्रिक जिम्मेदारी के प्रति काफी गंभीर नजर आए। बारामूला लोकसक्षा सीट पर 17 लाख से ज्यादा वोटर हैं जिनमें 500 से ज्यादा की उम्र 100 साल से ज्यादा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह से चुनावी रैलियों में भीड़ उमड़ी है उससे वोटिंग का आंकड़ा जरूर बढ़ेगा।

चुनाव के दौरान शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तकरीबन 30 हजार कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। जम्म कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद घाटी में ये पहला बड़ा चुनाव है। 2019 में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग कर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।

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