KNEWS DESK… सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज यानी बृहस्पतिवार को एक बार फिर सुनवाई हुई. इस बीच, याचिका का विरोध करते हुए केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार किसी भी समय जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए तैयार है.
दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है, इसे पूरा होने में एक महीना लगेगा. हालांकि, केंद्र ने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। केंद्र ने आगे कहा कि इसे पूर्ण राज्य बनाने की दिशा में काम चल रहा है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले पंचायत स्तर पर, दूसरे नगर निगम और फिर विधानसभा चुनाव होंगे. सुनवाई के दौरान एनसी नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आतंकवाद से संबंधित घटनाओं पर केंद्र के आंकड़ों को रिकॉर्ड पर लेने पर आपत्ति जताई। इस पर सीजेआई ने सिब्बल को आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं पर केंद्र का डेटा सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए जा रहे अनुच्छेद 370 के संवैधानिक मुद्दे को प्रभावित नहीं करेगा।
आतंकी घटनाओं में कमी
जानकारी के लिए बता दें कि याचिकाओं का विरोध करते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है. केंद्र ने कहा कि 2018 की तुलना में 2023 में आतंकी घटनाओं में 45.2 फीसदी की कमी आई है. केंद्र ने कहा कि इससे घुसपैठ की घटनाओं में भी 90 फीसदी की कमी आई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पत्थरबाजी आदि घटनाओं में भी 97 फीसदी की कमी आई है. वहीं, सुरक्षाकर्मियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में 65 फीसदी की कमी आई है. केंद्र ने कहा कि साल 2018 में पत्थरबाजी की घटनाएं 1767 थीं, जो अब शून्य हैं.