जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव की तारीखों का ऐलान, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख जानकारी

KNEWS DESK- मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में चुनावी माहौल और लोगों के उत्साह पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता बदलाव चाहती है और वह चुनावी प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा बनना चाहती है। बता दें कि हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा के लिए वोटिंग होगी और 4 को नतीजे आएंगे। J-K विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे, 4 अक्टूबर को आएंगे नतीजे।

भारत की चुनावी छवि को वैश्विक मान्यता

राजीव कुमार ने भारतीय चुनावों की वैश्विक छवि पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “भारत ने दुनिया को एक ऐसा चित्र प्रस्तुत किया है जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा। हमारे चुनावों की चमक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं दुनिया भर में तुलनात्मक रूप से एक मिसाल के तौर पर पेश की जाएंगी।”

जम्मू-कश्मीर में युवाओं का उत्साह

राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में युवा मतदाताओं की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 20 लाख युवा मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों में भी लंबी कतारों ने लोगों की लोकतंत्र के प्रति उम्मीद और उत्साह को स्पष्ट किया था।

विधानसभा चुनाव के प्रति उत्साह

मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में की गई चुनाव समीक्षा यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां 87 लाख 9 हजार वोटर हैं और 11 हजार 838 पोलिंग बूथ स्थापित किए गए हैं। इस दौरान लोगों में विधानसभा चुनाव को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला।

आतंकवाद का विरोध और बैलेट का समर्थन

राजीव कुमार ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों ने आतंकवाद को नकार दिया है और बायकॉट की प्रवृत्ति को छोड़कर बैलेट का समर्थन किया है। यह दर्शाता है कि घाटी के लोग चुनावी प्रक्रिया के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखते हैं और हिंसा के खिलाफ हैं।

हिंसा का नकार और चुनाव की मांग

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर की जनता चुनाव चाहती थी और उन्होंने हिंसा को नकारते हुए शांतिपूर्ण मतदान की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह स्थिति दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर गहरी समझ और अपेक्षाएं हैं।

राजीव कुमार के बयान से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया को लेकर एक सकारात्मक और आशावादी माहौल बना हुआ है। यह संकेत देता है कि आगामी विधानसभा चुनाव एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक अवसर होंगे और जम्मू-कश्मीर की जनता सक्रिय रूप से इसमें भाग लेगी।

ये भी पढ़ें-  फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान, नेशनल कॉन्फ्रेंस पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी

About Post Author