जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बादल फटने और भूस्खलन से मचा कहर, 7 की दर्दनाक मौत, 5 घायल

KNEWS DESK- जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार तड़के कुदरत का कहर टूटा, जब लगातार भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। यह आपदा जिले के राजबाग, जंगलोट और जोध घाटी गांवों में सामने आई, जहां लोगों की जान-माल को गहरी क्षति पहुंची है।

जोध घाटी में रविवार सुबह बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी। घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया और कई मकानों को भारी नुकसान हुआ। इस हादसे में सुरमु दीन (30 वर्ष), उनके बेटे फानू (6 वर्ष) और शेडू (5 वर्ष), हबीब दीन के बेटे टाहू (2 वर्ष) और बशीर अहमद की बेटी ज़ुल्फान (15 वर्ष) की दर्दनाक मौत हो गई।

जंगलोट (तहसील कठुआ) क्षेत्र में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में रेणु देवी (39 वर्ष) और उनकी बेटी राधिका (9 वर्ष) की मौत हो गई। इस क्षेत्र में कई जगहों पर मिट्टी धंस गई है और रास्ते बंद हो गए हैं।

जिला विकास आयुक्त राजेश शर्मा वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक संयुक्त रूप से बचाव कार्य में जुटे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।

कठुआ थाना क्षेत्र के बागड़ और चांगडा गांव तथा लखनपुर थाना क्षेत्र के दिलवान-हुतली में भी भूस्खलन की सूचना है। प्रशासन ने बताया कि भारी बारिश के चलते जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। लोगों को जलाशयों और नदियों से दूर रहने की अपील की गई है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रशासन को तत्काल राहत और बचाव उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल राहत कार्यों में सक्रिय हैं। उन्होंने एसएसपी कठुआ शोभित सक्सेना से बात कर स्थिति का जायजा लिया।

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से भी दुख जताया गया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राहत कार्यों की जानकारी दी गई।