मणिपुर हिंसा को लेकर अमेरिकी राजदूत ने जताई चिंता,भारत ने जताया ऐतराज कहा यह हमारा आंतरिक मामला

KNEWS DESK… मणिपुर में लगभग दो महीने से चल रही हिंसा को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए मदद की पेशकश की है। अमेरिका के राजदूत एरिक गारसेटी ने कोलकाता के अमेरिका सेंटर में आयोजित एक प्रेस काॅन्फ्रेस के दौरान यह बात कही है।

दरअसल आपको बता दें कि अमेरिका के राजदूत एरिक गारसेटी ने एक प्रेस काॅन्फ्रेस में मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की तो वहीं पर दूसरी तरफ अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत का यह आंतरिक मामला है। एरिक ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मणिपुर का मामला जल्द ही खत्म होगा और वहां पर शांति बहाल होगी। जिससे मणिपुर में निवेश और विकास के रास्ते खुलेंगे। बता दें कि अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत ने बीते कुछ वर्षों में उल्लेखनीय काम किए हैं। लेकिन यह तभी आगे बढ़ेगा, जब शांति कायम रहेगी। इस तरह की हिंसा में लोगों एवं बच्चों के मारे जाने पर दुख जताने के लिए यह जरूरी नहीं कि आप केवल भारतीय ही हों।

जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी राजदूत एरिक ने यह बयान एक पत्रकार के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिया है। जिसमें पत्रकार ने एरिक से पिछले दो से ज्यादा महीने से चल रहे मणिपुर हिंसा के बारे में पूछा था। वहीं अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी के इस बयान पर सरकार एवं विपक्ष दोनों ने ऐतराज जताया है।

विदेशी राजदूत को भारत के अंदरूनी मामले पर इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए

बता दें कि विदेश सचिव अरिंदम बागची ने अमेरिकी राजदूत के द्वारा मणिपुर में चल रही हिंसा के मामले में दिए गए बयान पर एतराज जताते हुए कहा कि हम मणिपुर में शांति चाहते हैं। हमारी एजेंसियां, सुरक्षा बल एवं स्थानीय सरकार भी लगातार इस दिशा में एकजुट होकर काम कर रही है। अरिंदम ने कहा कि वैसे मैं निश्चित नहीं हूं कि विदेशी राजदूत को भारत के अंदरूनी मामले पर इस तरह की टिप्पणी करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी जताया ऐतराज

कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने भी इस अमेरिकी राजदूत के बयान को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि जहां तक मुझे याद है, पिछले चार दशकों में मैंने किसी अमेरिकी राजनयिक को भारत के आंतरिक मसले पर टिप्पणी करते नहीं देखा है। हमने पंजाब, जम्मू-कश्मीर एवं नॉर्थ ईस्ट में पहले भी समस्याएं सुलझाई हैं।

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