यूक्रेन का रूस पर बड़ा ड्रोन अटैक, ब्लैक सी के तुआप्से पोर्ट पर भीषण आग, तेल टर्मिनल को भारी नुकसान

KNEWS DESK- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। रविवार रात यूक्रेन ने रूस के ब्लैक सी स्थित तुआप्से पोर्ट पर बड़ा ड्रोन अटैक किया, जिससे वहां स्थित तेल टर्मिनल और इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचा। हमला इतना भीषण था कि बंदरगाह के एक हिस्से में भीषण आग लग गई।

रूस की समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की एयर डिफेंस यूनिट ने दावा किया है कि उसने इस दौरान 164 यूक्रेनी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया। बावजूद इसके, कई ड्रोन तुआप्से के इलाके तक पहुंचने में सफल रहे और वहां धमाकों के बाद आग फैल गई।

रविवार रात हुए इस हमले में तुआप्से तेल टर्मिनल और रोसनेफ्ट-नियंत्रित तुआप्से ऑयल रिफाइनरी को नुकसान पहुंचा है। ये बंदरगाह रूस के प्रमुख ऊर्जा केंद्रों में से एक है। क्रास्नोडार प्रशासन ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर जानकारी दी कि “तुआप्से में यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) के हमले का जवाब दिया जा रहा है। हमारी एयर डिफेंस यूनिट सक्रिय है। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।”

प्रशासन ने बताया कि गिरते हुए ड्रोन के मलबे से बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और आग लग गई। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की कई गाड़ियां तैनात की गईं।

रूस का तुआप्से पोर्ट न केवल ब्लैक सी क्षेत्र में ईंधन की आपूर्ति का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह रूसी सेना की सैन्य रसद व्यवस्था (मिलिट्री लॉजिस्टिक्स) के लिए भी अहम माना जाता है। अधिकारियों का कहना है कि यह हमला यूक्रेन के उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत वह रूस की ऊर्जा और सैन्य आपूर्ति को बाधित करना चाहता है।

कीव प्रशासन ने हाल के सप्ताहों में रूस की तेल रिफाइनरियों, डिपो और पाइपलाइनों पर हमले तेज किए हैं। यह कार्रवाई रूस द्वारा यूक्रेन के बिजली ग्रिड और नागरिक ढांचों पर किए जा रहे हमलों के जवाब में की जा रही है। विश्लेषकों के अनुसार, इन हमलों का मकसद रूस की ईंधन आपूर्ति पर दबाव बनाना, सैन्य गतिविधियों को धीमा करना और युद्धकालीन खर्च बढ़ाना है।

क्रास्नोडार प्रशासन ने यह भी बताया कि तुआप्से के पास स्थित सोस्नोवी गांव में ड्रोन के मलबे के गिरने से एक आवासीय इमारत को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, किसी भी नागरिक के घायल होने की खबर नहीं है।