KNEWS DESK- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक और भयावह मोड़ ले लिया है। शुक्रवार को 48 घंटे के सीजफायर की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमले किए, जिनमें अफगानिस्तान के तीन युवा क्रिकेटरों की जान चली गई। इस घटना के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ प्रस्तावित त्रिकोणीय टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की है।
पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा किए गए इन हमलों में पक्तिका प्रांत के उरगुन और बरमल जिलों को निशाना बनाया गया, जो कि घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के अनुसार, हमले के समय कई लोग एक स्थानीय सभा में मौजूद थे, जिसमें क्रिकेटर भी शामिल थे। इस हमले में कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून नामक तीन युवा क्रिकेटरों समेत आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक बयान जारी करते हुए कहा, “एसीबी पक्तिका प्रांत के उरगुन जिले के बहादुर क्रिकेटरों की दुखद शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करता है, जिन्हें पाकिस्तानी शासन द्वारा किए गए इस कायराना हमले में जान गंवानी पड़ी।” बोर्ड ने आगे कहा कि ये खिलाड़ी शाराना में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलने के बाद अपने घर लौटे थे और स्थानीय समुदाय के साथ एक सभा में हिस्सा ले रहे थे, जब वे हमले का शिकार बने।
एसीबी ने इस दर्दनाक घटना को अफगानिस्तान के खेल समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ नवंबर के अंत में प्रस्तावित त्रिकोणीय टी20 श्रृंखला में भाग न लेने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने कहा कि मौजूदा हालात में देश की टीम का अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेना संभव नहीं है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान और तालिबान सरकार के बीच 48 घंटे के युद्धविराम की घोषणा की गई थी। टोलो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच सीमा पार झड़पें लगातार बढ़ रही थीं, जिनके बीच यह सीजफायर लागू किया गया था। पाकिस्तान की इस कार्रवाई को व्यापक रूप से युद्धविराम उल्लंघन माना जा रहा है।
घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है और मांग की है कि निर्दोष नागरिकों और खिलाड़ियों को निशाना बनाए जाने पर तत्काल जांच हो। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से दोनों देशों के रिश्तों में और भी अधिक खटास आ सकती है, जिसका असर क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर पड़ेगा।