KNEWSDEK- श्रीलंका ने चीन के जहाज को रुकने की इजाजत नहीं दी है । भारत ने अपनी चिंता जाहिर की थी और अमेरिकी सरकार की एक शीर्ष मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने भी चीन के जहाज को श्रीलंका बंदरगाह पर ठहरने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की थी । आपको बता दें की चीन के नौसेना के जहाज शिन यान को अक्तूबर में पूर्वी श्रीलंका के बंदरगाह पर करीब तीन महीने तक डॉक करना था । अब चीन के जहाजों को अक्टूबर में श्रीलंका आने की इजाजत नहीं मिली हैं । जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन का जासूसी जहाज कई दिनों तक श्रीलंका में रुका था। भारत ने इसको लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की थी ।
हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखना चाहते हैं
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली आबरी ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है , हमने चीनी जहाज को अक्टूबर में श्रीलंका आने की इजाजत नहीं दी है । भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी जो कि सही हैं । और हमारे लिए भी बहुत अहम हैं । हमने हमेशा कहा है कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखना चाहते हैं।
भारत इसको लेकर लंबे समय से चिंता जता रहा है
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि भारत इसे लेकर लंबे समय से चिंता जता रहा है। ऐसे में हमने एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार किया है, जब हम एसओपी बना रहे थे, तो हमने कई मित्र देशों से इसे लेकर चर्चा की, जिनमें भारत भी शामिल है। जब तक चीजें हमारे एसओपी के हिसाब से चलेंगी तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर एसओपी का उल्लंघन हुआ तो हमें इससे दिक्कत होगी।
श्रीलंंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे ने कहा कि विदेशी जहाजों के श्रीलंका आने और यहां के क्षेत्र में कोई गतिविधि करने को लेकर एक एसओपी बनाई गई है ।