KNEWS DESK- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट 2025 का आज औपचारिक समापन हो गया। समापन सत्र में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में वैश्विक व्यवस्था, यूक्रेन संकट और SCO की भूमिका को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत आज भी सत्य और अडिग हैं, और उन्हें दरकिनार करने की कोशिशें अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पुतिन ने SCO की भूमिका की सराहना करते हुए कहा “SCO दुनिया में वास्तविक बहुपक्षवाद की स्थापना का एक शक्तिशाली इंजन है। यह संगठन एक निष्पक्ष और संतुलित विश्व व्यवस्था की दिशा में काम कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक राजनीति को अब यूरोसेंट्रिक और यूरो-अटलांटिक मॉडल पर आधारित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि यह ढांचा अब अप्रचलित हो चुका है।
राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर अपनी स्थिति दोहराते हुए कहा “यूक्रेन में संकट रूस की आक्रामकता से नहीं, बल्कि पश्चिम द्वारा उकसाए गए कीव में तख्तापलट के कारण उत्पन्न हुआ। मूल कारणों को खत्म करना होगा, तभी स्थायी समाधान संभव है।”
उन्होंने अलास्का में ट्रंप के साथ हुई बैठक का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि वहां बने “समझौते” यूक्रेन में शांति की दिशा में एक रास्ता खोल सकते हैं। पुतिन ने यह भी कहा कि वे इन समझौतों की जानकारी SCO के सहयोगी देशों के साथ साझा करेंगे।
पुतिन ने अपने भाषण में भारत और चीन की भूमिका की सराहना की और कहा कि दोनों देशों ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए संतुलित और रचनात्मक पहल की है। “हम भारत, चीन और अन्य साझेदार देशों के शांति प्रयासों को अत्यंत महत्व देते हैं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब SCO मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आतंकवाद, कनेक्टिविटी और वैश्विक संतुलन पर भारत की सोच साझा की थी।
राष्ट्रपति पुतिन ने घोषणा की कि SCO के शासनाध्यक्षों की अगली बैठक नवंबर 2025 में मॉस्को में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस संगठन के भीतर आपसी सहयोग को और अधिक गहराई देने के लिए प्रतिबद्ध है।