रूसी एयरबेस को हुआ भारी नुकसान, अमेरिका से तनाव भी बढ़ने की आशंका, जंग की ये गलती कर बैठे जेलेंस्की

KNEWS DESK-  रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के भीतर करीब 4,000 किलोमीटर अंदर एक बड़ा ड्रोन हमला कर दुनिया को चौंका दिया है। इस हमले में रूसी एयरबेस को भारी नुकसान हुआ और रिपोर्ट्स के मुताबिक 40 से अधिक रूसी बॉम्बर्स तबाह कर दिए गए हैं। सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला आधुनिक रूस के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सैन्य नुकसान माना जा रहा है।

इस हमले ने न केवल रूस को भड़काया है, बल्कि अमेरिका के भीतर भी राजनैतिक हलचल मचा दी है। एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस हमले की पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे व्हाइट हाउस में नाराज़गी का माहौल है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि ट्रंप को इस ऑपरेशन की जानकारी बाद में मीडिया रिपोर्ट्स से मिली।

रूसी एयरबेस पर इतना गहरा हमला पहली बार हुआ है, और इसे रूस की सैन्य प्रतिष्ठा पर सीधा हमला माना जा रहा है। क्रेमलिन की प्रतिक्रिया अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन रूस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया और बदले की कार्यवाही की आशंका जताई जा रही है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने की कोशिश में लगे हुए थे। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस हमले से शांति वार्ता की संभावनाओं को भारी झटका लगा है। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे हमेशा बहुत अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ है। वह बिल्कुल पागल हो गए हैं!”

यूक्रेन को पिछले तीन वर्षों में अमेरिका से काफी आर्थिक और सैन्य मदद मिली है। हालांकि हाल के महीनों में यूरोपीय देशों ने भी मदद का दायरा बढ़ाया है, लेकिन अमेरिका को नाराज़ करना यूक्रेन के लिए भविष्य में रणनीतिक नुकसान का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका का समर्थन कम होता है, तो यूक्रेन की युद्ध क्षमताओं पर गहरा असर पड़ सकता है।

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