KNEWS DESK- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। भारत ने इस आतंकी हमले के बाद सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब देने की नीति अपनाई है, जिसका असर अब पाकिस्तान के भीतर साफ दिखाई दे रहा है।
भारत द्वारा नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार की जा रही जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए लगातार 10वीं रात LoC पर फायरिंग की। भारतीय सेना ने भी इस उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्ती बढ़ा दी है।
इस पूरे घटनाक्रम से पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ गई है। अब पाकिस्तान ने 5 मई को नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनाव, नियंत्रण रेखा पर स्थिति और पहलगाम हमले के बाद के घटनाक्रमों पर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रपति ने यह सत्र संविधान के अनुच्छेद 54(1) के तहत बुलाई है, जो मौजूदा नेशनल असेंबली का 16वां सत्र होगा। इस सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष मिलकर भारत की कार्रवाई की निंदा करते हुए एक संयुक्त प्रस्ताव पारित कर सकते हैं।
पाकिस्तान के भीतर हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि कई होटलों को बंद कर दिया गया है, हजारों मदरसों में ताले लगा दिए गए हैं और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। यहां तक कि लाउडस्पीकर से अजान देने पर भी आंतरिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान अब न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि आंतरिक असंतोष और डर के माहौल से भी जूझ रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी और अगर पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो उसे और भी कड़े जवाब के लिए तैयार रहना होगा।
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