KNEWS DESK – अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की ऐतिहासिक स्थापना के बाद पाकिस्तान एक बार फिर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने में जुट गया है। अपने यहां अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार हनन पर चुप रहने वाला पाकिस्तान, भारत की संप्रभु धार्मिक परंपराओं पर टिप्पणी कर रहा है। उसके विदेश मंत्रालय ने इस ध्वजारोहण को भारत के अल्पसंख्यकों—खासकर मुस्लिम सांस्कृतिक विरासत—के लिए खतरा बताया है।
पाकिस्तान की घबराहट और झूठा नैरेटिव
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत में राम मंदिर पर ध्वज फहराना एक ‘बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों को दबाने’ और ‘हिंदुत्व की सोच के चलते मुस्लिम विरासत मिटाने’ की कोशिश है। पाकिस्तान ने यह दावा भी किया कि भारत में धार्मिक धरोहरों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
यह बयान तब आया है जब भारत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत राम मंदिर का निर्माण हुआ और ध्वजारोहण एक सांस्कृतिक-धार्मिक परंपरा का हिस्सा है। पाकिस्तान ने फिर भी इस सत्य को नजरअंदाज कर अपने पुराने प्रोपगैंडा को दोहराया है।
पाकिस्तान ने अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि यह ‘बाबरी मस्जिद को नष्ट करने’ की घटना से जुड़ा हुआ है। जबकि भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में निर्णय दे चुका है कि पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर विवादित भूमि पर पूर्व में मंदिर था। इसके बावजूद पाकिस्तान ने 1992 की घटना का हवाला देते हुए अपनी बात को सही साबित करने की कोशिश की।
अपने घर पर क्यों चुप है पाकिस्तान?
दूसरों को उपदेश देने वाला पाकिस्तान अपने यहां के हिंदू मंदिरों की हालत पर आंखें बंद कर लेता है। पाकिस्तान में शारदा पीठ मंदिर खंडहर में बदल चुका है। कराची का 150 साल पुराना जागनाथ मंदिर स्थानीय कब्जों की भेंट चढ़ गया है। रावलपिंडी का 1930 में बना मोहन मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।
इन पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिरों की सुरक्षा न कर पाने वाला पाकिस्तान यह दावा करता है कि भारत में मस्जिदें खतरे में हैं। असलियत यह है कि पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर हमले, कब्जे और तोड़फोड़ आम बात है—लेकिन उस पर कभी कोई बयान नहीं आता।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को घेरने की नाकाम कोशिश
पाकिस्तान ने एक कदम आगे बढ़ते हुए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि वे भारत में ‘बढ़ते इस्लामोफोबिया’ और ‘मुस्लिम विरासत पर खतरे’ पर ध्यान दें। यह वही पाकिस्तान है जहां अल्पसंख्यकों के घर जला दिए जाते हैं, नाबालिग हिंदू और सिख लड़कियों का जबरन धर्मांतरण होता है, मंदिरों को भीड़ तोड़ती रहती है, ईशनिंदा कानून के नाम पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता है। अपने देश में मानवाधिकार हनन पर दुनिया भर की रिपोर्टों के बावजूद पाकिस्तान हर बार भारत पर आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करता है।