KNEWS DESK- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तिआनजिन में एक अहम द्विपक्षीय मुलाकात हुई। करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को बेहतर करने, सीमा पर शांति बनाए रखने और सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों की प्रगति का आधार आपसी विश्वास, सम्मान और संवाद होना चाहिए। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले साल कजान में हुई बैठक ने रिश्तों को सकारात्मक दिशा दी, और तिआनजिन की यह मुलाकात उस सिलसिले को आगे बढ़ाने का मौका है।
इस बैठक का एक अहम पहलू कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर चर्चा रहा। कोविड-19 और फिर सीमा तनाव के कारण यह यात्रा लंबे समय से बंद रही है। बैठक में दोनों पक्षों ने इस धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को फिर से शुरू करने की इच्छा जताई। माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के लोगों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
मोदी-जिनपिंग मुलाकात में बॉर्डर मैनेजमेंट और तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संवाद जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। यह संकेत है कि दोनों देश सीमा विवाद के समाधान की दिशा में संवाद को ही प्राथमिक रास्ता मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आभार जताया। वहीं, जिनपिंग ने भी पीएम मोदी से पुनः भेंट को सुखद बताते हुए भारत और चीन के संबंधों को स्थायित्व और रणनीतिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देश एशिया और ग्लोबल साउथ के हित में मिलकर काम करें।