श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने छोड़ा सरकारी बंगला, संसद में पास हुआ नया कानून

KNEWS DESK – श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आज कोलंबो के सिनेमन गार्डन्स स्थित अपने सरकारी बंगले को छोड़ दिया। संसद में पूर्व राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार खत्म करने वाला नया कानून पारित होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। राजपक्षे के बंगला छोड़ने से पहले चीन के श्रीलंका में राजदूत उनसे मिलने भी पहुंचे।

राजपक्षे नवंबर में 80 वर्ष के हो जाएंगे। वह 2015 से इस सरकारी बंगले में रह रहे थे। राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति और 2004–2005 व 2019–2022 तक प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। उनके ही कार्यकाल में श्रीलंका का लंबा गृहयुद्ध खत्म हुआ था।

अब रहेंगे अपने गांव वाले घर में

खबरों के मुताबिक, राजपक्षे अब दक्षिण श्रीलंका के हंबनटोटा जिले के तंगाल्ले स्थित कार्लटन हाउस में रहेंगे। यह वही जगह है जहां से उन्होंने 1970 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। यह घर कोलंबो से करीब 190 किलोमीटर दूर है।

साल 2022 के आर्थिक संकट के दौरान जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे। उस समय प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के कोलंबो स्थित बंगले और तंगाल्ले के निजी घर दोनों का घेराव किया था, हालांकि वे किसी भी इमारत के अंदर नहीं घुस पाए। उसी समय राजपक्षे के छोटे भाई गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था।

कौन सा कानून हुआ लागू?

बुधवार को संसद ने पूर्व राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार समाप्त करने संबंधी विधेयक पारित किया। इसे ‘राष्ट्रपति अधिकार (निरसन) अधिनियम संख्या 18, 2025’ नाम दिया गया है, जिसने 1986 के राष्ट्रपति अधिकार अधिनियम संख्या 4 को निरस्त कर दिया।

यह कदम मौजूदा नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) सरकार के चुनाव-पूर्व वादों में से एक था। सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका था कि इस विधेयक को संसद में केवल साधारण बहुमत से पारित किया जा सकता है।