KNEWS DESK- केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को लेकर यमन से बड़ी खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी फिलहाल टाल दी गई है। भारत सरकार की तरफ से लगातार की जा रही राजनयिक कोशिशों के चलते यह अहम राहत मिली है। निमिषा पिछले सात साल से यमन की जेल में बंद हैं और वहां की अदालत ने उन्हें हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी।
निमिषा प्रिया पर यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या का आरोप था। मामला साल 2017 का है, जब निमिषा को अपने पासपोर्ट की जरूरत थी जो तलाल के पास था। आरोप है कि उन्होंने पासपोर्ट वापस पाने के लिए तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन दवा का ओवरडोज हो गया और उसकी मौत हो गई। यमन की अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी।
यमन में शरिया कानून लागू है, जिसके तहत हत्या के मामलों में ब्लड मनी नाम की एक व्यवस्था है। इसके तहत दोषी को मृतक के परिवार को मुआवजे की एक मोटी रकम देकर माफी मिल सकती है। यदि परिवार माफ कर देता है, तो दोषी की सजा कम या माफ भी हो सकती है।
निमिषा प्रिया के केस में भी इसी व्यवस्था के तहत राहत मिलने की संभावनाएं बनी हैं। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ब्लड मनी के तहत ही सजा टली है या नहीं।
भारत सरकार और विदेश मंत्रालय इस मामले को लेकर लगातार यमन सरकार के संपर्क में रहे हैं। इसके अलावा निमिषा की मां और वकील भारत में उच्चस्तरीय अधिकारियों से मिलकर बेटी को बचाने की गुहार लगाते रहे। बताया जा रहा है कि भारत की कूटनीतिक पहल और मानवीय आधार पर की गई अपीलों का असर अब दिखने लगा है। निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी हैं। करीब 20 साल पहले वह अपने पति और बेटी के साथ यमन गई थीं। वहां वे स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत थीं। 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन यमन में गृहयुद्ध के चलते 2016 के बाद यात्रा पर प्रतिबंध लग गया, जिससे वह वहीं फंसी रह गईं। 2017 में हत्या का मामला दर्ज हुआ और तब से वह यमन की जेल में हैं।
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