बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी को किया फोन, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दिया आश्वासन

KNEWS DESK – बांग्लादेश की हालिया राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के नए मुखिया प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के जरिए साझा की।

बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी से फोन पर की चर्चा, 'हिंदुओं की सुरक्षा' का दिया आश्वासन - Lalluram

प्रधानमंत्री मोदी ने जताई चिंता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से फोन पर बात की। मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, संरक्षण और संरक्षा का आश्वासन दिया।”

यह आश्वासन ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में हालात काफी अस्थिर हैं। बीते स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भी बांग्लादेश में हो रही हिंसा और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि 140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

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मोहम्मद यूनुस ने संभाली कमान

मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी। यह कदम तब उठाया गया जब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अचानक इस्तीफा दे दिया और भारत की यात्रा की। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद से स्थिति और बिगड़ती चली गई।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा

मोहम्मद यूनुस ने ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में जाकर बांग्लादेशी हिंदुओं से मुलाकात की थी। उन्होंने वादा किया था कि हालिया हिंसा के दौरान अल्पसंख्यकों पर हमला करने वालों को सजा दी जाएगी। यूनुस ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता बांग्लादेश को शांति और स्थिरता की ओर ले जाना है, जिसमें सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।

बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण

बांग्लादेश में मौजूदा अशांति का एक बड़ा कारण विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन हैं। इस विवादास्पद नीति के चलते देश भर में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई। शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष के बीच उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई।

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