तुर्की और सीरिया (Turkey-Syria Earthquake) में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों देशों की मदद के लिए भारत से भी रेस्क्यू टीमें इन देशों में अभियान चला रही है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि तुर्की में 10 भारतीय फंसे हुए हैं। वहीं एक भारतीय लापता बताया जा रहा है
विदेश मंत्रालय (MEA) में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा कि लापता भारतीय नागरिक माल्टा में तुर्की की व्यापारिक यात्रा पर था। उसकी कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि तुर्की के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारत लगातार अपने नागरिकों के संपर्क में बना हुआ है। वर्मा ने कहा कि पिछले दो दिनों से एक भारतीय का पता नहीं चला है। हम उनके परिवार और बेंगलुरु में उसे नौकरी देने वाली कंपनी के संपर्क में हैं।
राहत कार्य
संजय वर्मा ने कहा कि भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत कार्य के दौरान कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। रात में तापमान शून्य से नीचे रहने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं परिवहन और संचार संपर्क अस्त-व्यस्त हो गए हैं। सेलफोन टावरों के प्रभावित होने से लोगों से संपर्क करने में कठिनाई सामने आ रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि तुर्की में फंसे लोगों की जानकारी के लिए अंकारा में एक विशेष हेल्प डेस्क बनाई गई है। संजय वर्मा ने कहा कि हमें करीब 75 लोगों के फोन आए जिन्होंने दूतावास से जानकारी और सहायता मांगी। उन्होंने बताया कि तीन भारतीय जिन्होंने हमसे संपर्क किया वह अब सुरक्षित आवास में चले गए हैं। हमने पहले ही प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए टीमों को नियुक्त कर दिया है।
बचाव अभियान
एनडीआरएफ (NDRF) के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि भारत ने तुर्की को चार विमान भेजे हैं, जिनमें से दो में एनडीआरएफ की टीमें हैं और दो सी-17 में मेडिकल टीमें हैं। उन्होंने बताया कि हमने चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों के साथ एक सी-130 विमान भी सीरिया भेजा है। करवाल ने कहा कि टीमों के पास 15 दिनों के ऑपरेशन के लिए राशन और टेंट मौजूद है। इन टीमों में सात वाहन, चार स्निफर डॉग, पांच महिलाओं सहित 107 बचावकर्ता थे, जो अंतरराष्ट्रीय इस तरह के ऑपरेशन के लिए पहली बार गए हैं। एक तीसरी टीम की आवश्यकता थी, इसे बुधवार को वाराणसी से एयरलिफ्ट किया गया. इस टीम में 51 बचावकर्मी और चार वाहन हैं.