भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता, द्विपक्षीय व्यापार में $34 अरब की वृद्धि की उम्मीद

KNEWS DESK- गुरुवार को भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नया आयाम मिलेगा। इस समझौते के तहत ब्रिटिश व्हिस्की, कारों सहित कई वस्तुओं पर लागू टैरिफ में कमी की जाएगी, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है।

समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दोनों देशों के लिए “ऐतिहासिक दिवस” बताया। उन्होंने कहा, “कई वर्षों की मेहनत के बाद आज यह व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता संपन्न हुआ है। यह समझौता केवल आर्थिक साझेदारी नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। यह हमारे युवाओं, किसानों, मछुआरों और MSME क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एकजुट हैं। उन्होंने यूक्रेन में जारी संघर्ष और पश्चिम एशिया की जटिल स्थिति पर भी विचार साझा किए और कहा कि सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान आवश्यक है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि आज के युग में विस्तारवाद नहीं, विकासवाद ही प्राथमिकता होनी चाहिए।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस एफटीए पर हस्ताक्षर किए। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, इस समझौते से लगभग 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को लाभ होगा।

यह समझौता ब्रिटिश कंपनियों को भारत में व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों के निर्यात में सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों के लिए ब्रिटिश बाजार भी और सुलभ हो जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच समग्र व्यापार बढ़ेगा और आर्थिक सहयोग को मजबूती मिलेगी।