KNEWS DESK- स्पेन इस समय गंभीर बाढ़ संकट से जूझ रहा है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस प्राकृतिक आपदा का सबसे बड़ा प्रभाव वेलेंसिया शहर पर पड़ा है, जहां भारी बारिश और तूफान के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं।
सीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, इस तूफान के कारण कम से कम 205 लोगों की जान गई है, जिनमें सबसे अधिक मौतें वेलेंसिया में हुई हैं। इस आपदा के चलते अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है, क्योंकि कई इलाकों में सड़कें टूट गई हैं और आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
स्पेन के मौसम विभाग ने देश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में स्थित तटीय इलाकों के लिए भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, हुलेवा में लगातार 12 घंटों तक 140 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। अन्य क्षेत्रों जैसे रासेना, आंदेवालो और कोंडाडो में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट और तूफानों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज का बयान
स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पूरा स्पेन उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है जो इस बाढ़ में अपने परिजनों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार सभी आवश्यक संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1,100 सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
इमरजेंसी रिस्पांस यूनिट का सहयोग
स्पेनिश सेना के इमरजेंसी रिस्पांस यूनिट के लगभग 1,000 सदस्यों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जो बचाव और सफाई कार्यों में सहायता कर रहे हैं। हालांकि, कई इलाकों में बिजली और फोन नेटवर्क भी बाधित हुआ है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण
मौसम वैज्ञानिकों ने इस मूसलाधार बारिश के लिए ‘दाना’ को जिम्मेदार ठहराया है, जो तब होता है जब ठंडी हवा की प्रणाली भूमध्य सागर के गर्म जल से टकराती है। इस तरह की घटनाएं अक्सर स्थानीय होती हैं, लेकिन उन्होंने स्पेन में भयानक बाढ़ की स्थिति पैदा की है, जैसा कि 1966 और 1957 में हुआ था, जब टुरिया नदी उफान पर थी और वेलेंसिया शहर को तबाह कर दिया था। इस बाढ़ ने स्पेन में संकट पैदा कर दिया है, और राहत कार्य जारी हैं ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके।
ये भी पढ़ें- दिल्ली की हवा में कम प्रदूषण, मौसम विशेषज्ञों ने बताई ये वजह