नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान, “अगर मुझे नहीं मिला तो यह अमेरिका का अपमान होगा”

KNEWS DESK- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर तीखा और आत्मविश्वास से भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया गया, तो यह केवल उनका नहीं बल्कि पूरे अमेरिका का अपमान होगा।

मंगलवार को वर्जीनिया के क्वांटिको सैन्य मुख्यालय में अधिकारियों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान या उनके प्रयासों से अब तक सात बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्ष समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा “अगर गाज़ा संघर्ष भी समाप्त हो गया, तो यह मेरी आठवीं ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। सोचिए, आठ संघर्ष आठ महीनों में खत्म करना कोई मामूली बात है?”

ट्रंप का यह बयान 10 अक्टूबर को नोबेल पुरस्कारों की घोषणा से पहले आया है, जिससे राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल तेज हो गई है।

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने नोबेल को लेकर नाराजगी जताई हो। 2024 में भी उन्होंने तंज कसते हुए कहा था “अगर मेरा नाम ओबामा होता, तो मुझे 10 सेकंड में नोबेल मिल जाता। ओबामा को यह पुरस्कार बिना कुछ किए मिल गया, जबकि मैंने चुनाव जीतकर और विश्व में शांति स्थापित करके दिखाया है।”

अब एक बार फिर उन्होंने यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि नोबेल कमेटी अक्सर उन लोगों को पुरस्कार देती है, “जिन्होंने कुछ किया ही नहीं या फिर उन्हें, जो ट्रंप के खिलाफ किताबें लिखते हैं।”

ट्रंप ने बातचीत के दौरान गाज़ा संघर्ष पर भी बयान दिया और दावा किया कि यह मुद्दा लगभग सुलझ चुका है। उन्होंने कहा कि “अब देखना है कि हमास मानता है या नहीं। अगर वह नहीं मानता, तो हालात उनके लिए मुश्किल हो जाएंगे। अच्छी बात यह है कि अरब और मुस्लिम देशों ने सहमति दे दी है, और इज़राइल भी तैयार है।”

अपने बयान में ट्रंप ने ज़ोर देते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनके लिए व्यक्तिगत महत्व नहीं रखता, बल्कि यह अमेरिका की वैश्विक भूमिका और नेतृत्व का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा “मैं यह पुरस्कार अपने लिए नहीं चाहता। यह अमेरिका को मिलना चाहिए, क्योंकि ऐसी उपलब्धि दुनिया ने कभी नहीं देखी। आठ संघर्षों को शांतिपूर्वक समाप्त करना किसी चमत्कार से कम नहीं है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक सात देशों – पाकिस्तान, इज़राइल, अज़रबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, रवांडा और गैबॉन – ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। हालांकि, नोबेल समिति की परंपरा के अनुसार नामांकन की आधिकारिक जानकारी 50 वर्षों तक गोपनीय रखी जाती है, इसलिए इसकी पुष्टि संभव नहीं है।