एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को धमकी के सुर में कहा है कि वो अगर चीन अमेरिका की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो अमेरिका कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा है कि अमेरिका के खिलाफ दांव लगाना कभी अच्छा नहीं होता और जिन देशों ने ऐसा किया है वो भी यह मान रहे हैं कि वो गलत थे. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे एक ऐसे नेता का नाम बता दीजिए जो शी जिनपिंग की जगह लेना चाहेगा.
राष्ट्रपति बाइडेन ने बुधवार सुबह 7.30 बजे वॉशिंगटन डीसी में यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपना दूसरा स्टेट ऑफ द यूनियन (SOTU) संबोधन दिया जिसमें वह चीन के खिलाफ बोलते-बोलते स्क्रिप्ट से हटकर बोलने लगे.
उन्होंने संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे के संबंध में चीन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं चीन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं लेकिन तभी तक जब तक यह अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने और दुनिया को लाभ पहुंचाने के लिए हो. लेकिन आप कोई गलती न करें..जैसा कि हमने पिछले हफ्ते भी स्पष्ट किया था, अगर चीन हमारी संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करता है तो हम अपनी देश की रक्षा के लिए कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे. और हमने ऐसा पहले भी किया है.’
अपने भाषण के दौरान बाइडेन चीन का जिक्र करते हुए स्क्रिप्ट से भटक गए और कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बोले, ‘इस बात को लेकर हमें पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में हमारी जीत हम सबको एक करेगी. हम दुनिया भर में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लेकिन पिछले दो वर्षों में लोकतंत्र मजबूत हुआ है, कमजोर नहीं हुआ है. निरंकुशता दो सालों में कमजोर हुई है, मजबूत नहीं हुई. मुझे दुनिया के ऐसे एक नेता का नाम बता दीजिए जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह लेना चाहेगा…एक ऐसे नेता का नाम बता दीजिए..
उन्होंने आगे कहा, ‘अमेरिका जलवायु और वैश्विक स्वास्थ्य, खाद्य असुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय आक्रामकता जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए फिर से दुनिया को एकजुट कर रहा है. हमारे सहयोगी साथ आ रहे हैं और इस पर पैसा भी खर्च कर रहे हैं. प्रशांत और अटलांटिक में भागीदार देशों के बीच पुल बन रहे हैं. और जो लोग अमेरिका के खिलाफ दांव लगाते हैं, उन्हें सीख मिल रही है कि वो कितने गलत हैं. अमेरिका के खिलाफ दांव लगाना कभी भी अच्छा नहीं होता है.’
अमेरिका और चीन के रिश्ते पिछले कुछ सालों से बेहद खराब स्थिति में हैं लेकिन जासूसी गुब्बारे प्रकरण ने दोनों देशों के रिश्तों के ठीक होने की बीच बची-खुची उम्मीद की भी हवा निकाल दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इसी हफ्ते दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए चीन जाने वाले थे. उम्मीद थी कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग भी उनसे मुलाकात कर सकते हैं लेकिन सभी कोशिशों पर चीनी जासूसी गुब्बारे ने पानी फेर दिया है. अमेरिका ने ब्लिंकन का चीन दौरा रद्द कर दिया है.
अमेरिका ने पिछले हफ्ते अटलांटिक महासागर के ऊपर मंडरा रहे चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. यह जासूसी गुब्बारा कई दिनों तक अमेरिका के वायुक्षेत्र में मंडराता रहा. मोंटाना क्षेत्र में यह जासूसी गुब्बारा उड़ता दिखाई दिया जहां अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है.
इसे लेकर अमेरिकी सेना को शक हुआ कि चीनी गुब्बारा उन संवेदनशील इलाकों से गुजरेगा और उससे जुड़ी जानकारी चीन तक पहुंचाएगा. नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए तीन बसों के बराबर बड़े गुब्बारे को अटलांटिक महासागर में जाने का इंतजार किया गया. इसके बाद राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश पर इसे
अमेरिका ने इस गुब्बारे का संबंध चीन से जोड़ते हुए कहा कि यह जासूसी गुब्बारा है जो चीन ने भेजा है. अमेरिका ने चीन पर अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
चीन ने पहले तो जासूसी गुब्बारे के लिए उसे दोषी ठहराए जाने पर नरमी दिखाई लेकिन जब गुब्बारे को मार गिराया गया और ब्लिंकन का चीन दौरा रद्द कर दिया गया तो उसने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
चीन ने कहा, ‘हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. हमें इस बात का बेहद दुख है कि हमारे मौसम की जानकारी जमा करने वाले गुब्बारे को उड़ा दिया गया. ऐसा लगता है कि अमेरिका की मीडिया और उसके नेता इस मामले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं. अमेरिका का गुब्बारे पर हमला अंतरराष्ट्रीय अभ्यास का उल्लंघन है.’
चीन का कहना है था कि उसका ‘मौसम की जानकारी जुटाने वाला गुब्बारा’ रास्ता भटक गया था.