KNEWS DESK- वैसे तो हिन्दू केलिन्डर के अनुसार, होली मार्च में मनाई जाती है। मार्च के महीने में जब कुछ करीब 30 छात्र होली मनाने के लिए कॉलेज लॉन में एकत्र हुए, तो इस्लामी जमीयत तुलबा (IJT) के कार्यकर्ताओं ने जबरन उन्हें होली मनाने से रोका, जिसके कारण झड़प हुई, जिसमें 15 हिंदू छात्र घायल हो गए। छात्रों का कहना ये था कि उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूर्व अनुमति ली थी।
दुर्घटना के एक पीड़ित, खेत कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के गार्डों ने उन्हें पीटा जब उन्होंने ITJ सदस्यों द्वारा किए गए उपचार के विरोध में वाईस-चांसलर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन छात्रों ने यह भी बताया कि वह ITJ के खिलाफ पुलिस में एप्लीकेशन भी डालने गए थे लेकिन पुलिस ने उनकी एफआईआर नहीं लिखी। जब ITJ के प्रवक्ता, इब्राहिम शाहिद से पूछा गया तो उन्होंने घटना में अपने छात्रों की संलिप्तता से इनकार किया और कहा की वाईस-चांसलर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इस घटना के चलते पाकिस्तान के हायर एजुकेशन कमीशन (HEC) ने यूनिवर्सिटीज में होली के जशन को मानाने पर बेन लगा दिया है। इस्लामाबाद के Quaid-i-Azam यूनिवर्सिटी के परिसर में 12 जून को छात्रों के होली खेलने की वीडियो वाइरल होने के कुछ दिनों बाद HEC का यह आदेश 20 जून को आया है।
इस नोटिस आर्डर में आयोग ने कहा कि “सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों” का पालन करने के लिए छात्रों को इस त्योहार को मानाने से मना किया गया है। उनका कहना यह था कि “इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट करता है और इस्लामी पहचान को मिटा देता है।”
एक त्योहार के रूप में यूनिवर्सिटी में होली मानाने के संदर्भ में, कमीशन ने यह कहा है कि “एक विश्वविद्यालय के मंच से इस प्रचारित घटना ने चिंता पैदा की है और देश की छवि को नुकसान पहुँचाया है” और इसी के साथ छात्रों को इस तरह के आयोजनों से खुद को दूर रखने की सलाह दी हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार यह होली का कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एक गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन मेहरान स्टूडेंट्स काउंसिल द्वारा आयोजित किया गया था।