इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किले बढती दिख रही है। इस्लामाबाद में होने वाली सार्वजनिक रैली में इमरान खान की इस्तीफा देने की संभावनाएं है। इसके अलावा विदेशी फंडिंग मामले में सोमवार को गिरफ्तारी भी हो सकती है।
न्यूज 18 हिन्दी की खबर के अनुसार, सेना ने भी सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से सेना को विभाजित करने के इमरान खान के कथित प्रयासों और 2019 में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल के विस्तार में जानबूझकर देरी के कारण उन पर विश्वास खो दिया है।
कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे- इमरान खान
बीते 23 मार्च को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वह किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे. हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन के कम से कम तीन सहयोगियों ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनकी सरकार के खिलाफ मतदान करने का संकेत दिया है, जो इस महीने के अंत में संसद में चर्चा के लिए आएगा।
पार्टीयों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ जारी किया अविश्वास प्रस्ताव-
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव को नोटिस दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता एवं प्रधानमंत्री खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है।
पीटीआई को दोबारा सत्ता में आने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत-
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में, इमरान खान की पीटीआई को सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सदस्यों की जरूरत है. सत्तारूढ़ पीटीआई के लगभग दो दर्जन असंतुष्ट विधायक खान के खिलाफ मतदान से पहले खुलकर सामने आ गए हैं, जिसके बाद सरकार ने विपक्ष पर सांसदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।