हिमाचल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज से, हड़ताल के दौरान डॉक्टरों के लिए जारी सख्त आदेश

डिजिटल डेस्क- हिमाचल प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू हो रही है। इस बीच राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि मरीजों की देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हड़ताल के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित न हो, इसके लिए चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (DMER) ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों के लिए कड़े मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दिए हैं। DMER की ओर से जारी आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह 24 घंटे और सातों दिन जारी रहेंगी। इमरजेंसी सेवाओं में जूनियर रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट और फैकल्टी सदस्य हर समय उपलब्ध रहेंगे। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में इमरजेंसी मरीजों के इलाज में लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सर्जरी होगी तय प्रोटोकॉल के तहत

इसके साथ ही ओपीडी सेवाएं भी नियमित रूप से संचालित होंगी। इनडोर यानी भर्ती मरीजों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। सभी विभागों में रोजाना वार्ड राउंड अनिवार्य किए गए हैं, ताकि मरीजों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा सके और इलाज में कोई कमी न रहे। सरकार ने यह भी साफ किया है कि हड़ताल की अवधि में नियमित वैकल्पिक ऑपरेशन थिएटर बंद रहेंगे, लेकिन सभी आपातकालीन सर्जरी तय प्रोटोकॉल के तहत की जाएंगी। रेडियोलॉजी सेवाओं को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांचें इमरजेंसी और भर्ती मरीजों के लिए प्राथमिकता के आधार पर जारी रहेंगी। वहीं पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी लैब में सभी सैंपलों की जांच बिना किसी रुकावट के की जाएगी। DMER ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट पढ़ाई, प्रशिक्षण और परीक्षाएं अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही चलेंगी। हड़ताल का असर मेडिकल शिक्षा पर नहीं पड़ने दिया जाएगा।

अधिकारियों की जिम्मेदारी तय

जारी आदेशों के तहत मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। सभी विभागाध्यक्षों को ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं के लिए कंसल्टेंट डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य रोजाना शाम चार बजे मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर सेवाओं की समीक्षा करेंगे और इसकी रिपोर्ट DMER को भेजेंगे। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर फैकल्टी की शीतकालीन छुट्टियां रद्द करने का अधिकार भी प्राचार्यों को दिया गया है, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें। आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी प्राचार्य, अतिरिक्त निदेशक, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और उप चिकित्सा अधीक्षक इस अवधि में मुख्यालय में ही मौजूद रहेंगे और किसी भी प्रकार की छुट्टी नहीं लेंगे।

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

सरकार ने चेतावनी दी है कि SOP का उल्लंघन करने या आवश्यक सेवाओं में बाधा डालने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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