KNEWS DESK, हिमाचल प्रदेश के मंडी में जेल रोड पर स्थित मस्जिद के अवैध निर्माण के मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत मिली है। स्थानीय न्यायालय ने मस्जिद के गिराने के आदेश पर रोक लगा दी है और नगर निगम को तीन दिन के भीतर संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
मुस्लिम पक्ष ने 13 सितंबर को नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मस्जिद को अवैध करार दिया गया था। उनका कहना है कि मस्जिद का नाम 1936 के राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 478 के तहत दर्ज है। 1962 में हुए बंदोबस्त के बाद यह खसरा नंबर तीन भागों में बंट गया, जिसमें मस्जिद का कुल क्षेत्रफल 386.16 वर्ग मीटर है और इसका संचालन एहले इस्लाम मुस्लिम वेलफेयर कमेटी द्वारा किया जाता है।
मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद 100 साल पुरानी है और हाल की बारिशों के कारण इसका ढांचा कमजोर हो गया था। उन्होंने बताया कि अगस्त 2022 की भारी बारिश के बाद मस्जिद का अधिकांश हिस्सा गिर गया था जिसके बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया था। इस बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी शुरू कर दी है। समिति की बैठक मंगलवार को होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। वहीं 13 सितंबर को निगम आयुक्त के आदेश के बाद शहर में विभिन्न हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए थे, जिससे मामला और गर्म हो गया था।
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