Ayurveda Tips: ऋतु परिवर्तन के साथ आहार का क्या है महत्व, आयुर्वेद से जानें स्वस्थ्य रहने के उपाय और खान-पान के सही नियम…

KNEWS DESK – आयुर्वेद ऋतु अनुसार आहार की महत्वपूर्णता पर जोर देता है, क्योंकि बदलते हुए मौसम के अनुसार शरीर के पाचन और स्वास्थ्य के लिए सही आहार का सेवन जरूरी है। हमारे पुरातन ग्रंथों में भी आहार को औषधि से बढ़कर माना गया है। आचार्य कश्यप ने आहार को “महाभैषज्यम्” यानी सबसे प्रभावी औषधि बताया है। यह सिद्धांत यह बताता है कि अगर हम आहार के सही नियमों का पालन करते हैं, तो हमें औषधि की जरूरत नहीं होती।

ठंड के मौसम में रहें स्वस्थ और एक्टिव 

आपको बता दें कि आयुर्वेद में ऋतु चक्र के बदलाव के साथ शरीर में मानसिक और शारीरिक परिवर्तन होते हैं, और इन बदलावों को संतुलित करने के लिए आयुर्वेद में विशेष आहार विधियों की सलाह दी गई है। सर्दियों में, जब शरीर को अतिरिक्त गर्मी की आवश्यकता होती है, आयुर्वेद कुछ विशेष आहार और आदतों को अपनाने की सलाह देता है, ताकि हम ठंड के मौसम में स्वस्थ और एक्टिव रह सकें।

Ideal Ayurveda Diet For Your Dosha | Kapiva

1. घी और तेल का सेवन: सर्दियों में शरीर को गर्म रखने और त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए घी, सरसों का तेल और नारियल तेल को आहार में शामिल करना चाहिए। इन तेलों में मौजूद फैट्स शरीर के ऊतकों द्वारा अवशोषित होते हैं और शुष्क त्वचा को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये विटामिन ए, ई, के और डी के अवशोषण में सहायक होते हैं, जिनकी कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। विशेष रूप से विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

2. सर्दियों में उपलब्ध सब्जियां: गाजर, शकरकंद, चुकंदर जैसी सब्जियां सर्दियों में प्रचुर मात्रा में मिलती हैं। ये विटामिन, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और आयोडीन से भरपूर होती हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। इनके सेवन से पेट भरा-भरा महसूस होता है, जिससे ओवरइटिंग की समस्या कम होती है। साथ ही, ये ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, जिससे डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।

3. साबुत अनाज का सेवन: सर्दियों में साबुत अनाज जैसे ओट्स, जौ और मक्का का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। ये अनाज शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर को गर्म रखते हैं। इनका सेवन करने से शरीर में जमा कार्बोहाइड्रेट आसानी से टूटते हैं और ऊर्जा मिलती है। सर्दियों में ठंडे और कच्चे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जैसे कि ठंडे जूस, स्मूदी, और कच्चे फल, क्योंकि ये शरीर की गर्मी को बाहर निकाल सकते हैं और शरीर को सुस्त बना सकते हैं। इसके बजाय गर्म सूप, हर्बल चाय और हल्दी वाला दूध पीना चाहिए, जो शरीर को गर्म रखने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।

4. मसाले और उनका महत्व: सर्दियों में मसाले न केवल खाने में स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि ये शरीर को गर्म रखने में भी मदद करते हैं। मसाले जैसे अदरक, लहसुन, दारचीनी, लौंग और काली मिर्च ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, परिसंचरण को बेहतर बनाने और पाचन क्रिया को सुचारू रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, मसाले मानसिक रूप से आरामदेह होते हैं और मूड को भी बेहतर बनाते हैं।

5. शरीर की मालिश और व्यायाम: सर्दियों में हर रोज गर्म तेल से शरीर की मालिश करना न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि यह त्वचा को मुलायम और कोमल भी बनाता है। व्यायाम करने से पहले तेल से मालिश करना शरीर के टिश्यू में गहराई से प्रवेश करता है और शरीर को गर्म रखता है। इसके साथ ही, सर्दियों में व्यायाम करना भी जरूरी है, क्योंकि यह शरीर को सक्रिय बनाए रखता है, कैलोरी जलाने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। हल्का-फुल्का व्यायाम, जैसे योग, वॉकिंग या हल्का वेट ट्रेनिंग सर्दियों में भी किया जाना चाहिए।

6. पाचन अग्नि का ध्यान रखें: आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में पाचन अग्नि सामान्य रूप से मजबूत होती है, इसलिए इस समय भोजन का सही सेवन करना महत्वपूर्ण है। उपवास से बचना चाहिए, क्योंकि यदि उपवास किया गया या कम भोजन किया गया, तो पाचन अग्नि कमजोर हो सकती है और शरीर में वात दोष का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे शरीर रूखा और कमजोर हो सकता है। इसलिए, जंक फूड और ठंडे खाद्य पदार्थों से बचें और गर्म तासीर वाले देसी फूड्स का सेवन करें।

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