अक्सर होम्योपैथिक इस विश्वास पर चलती है की शरीर खुद को ठीक कर सकता है इसी सिद्धांत को मानते हुए होम्योपैथिक दवाओं को तैयार किया जाता है जो ऐलोपथिक दवाओं की तरह व्यक्ति की बीमारी को छुपाती नहीं है बल्कि उसे जड़ से खत्म करती है
यह दवाएं कैसे बनती है ; यह दवाइयाँ अक्सर नैच्रल पदार्थों का उपयोग करके बनाई जाती है
इस दवाई को आराम से घर पर भी लिया जा सकता है
ऐसी बिमारियाँ जो काफी समय से ठीक नहीं हो रही है उन्हे ठीक करने के लिए यह दवाइयाँ बहुत ही ज्यादा कारगर है
यह दवाइयाँ कोई भी नुकसान नहीं पहुचाती है , इसे बिना किसी डॉक्टर की राय के भी जानकारी के साथ खुद भी लिया जा सकता है
यह लगभग दो सदियों से भी अधिक पुरानी चिकित्सा प्रणाली है जो आज भी उसी प्रकार काम करती है
अक्सर लोग इसके देर से असर करने को लेकर इन दवाइयों को बेकार और बेअसर मानते है लेकिन एस बिल्कुल भी नहीं है है बल्कि यह दवाई भले ही देर में असर करती है लेकिन बीमारी को पूरी तरह जड़ से खत्म करती है और यह दवाइयाँ भरोसे मंद भी होती है