300 मीटर स्टीपलचेज़ में कांस्य पदक जीत कर लौटी खिलाड़ी प्रीति लांबा का हुआ भव्य स्वागत

रिपोर्ट: मनोज सूर्यवंशी

फरीदाबाद, चीन में आयोजित 19 वें एशियाई गेम्स 2023 में आयोजित 300 मीटर स्टीपलचेज़ में पदक जीतने वाली खिलाड़ी प्रीति लांबा के कल देर शाम फरीदाबाद पहुंचने पर गांव जवा में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर आसपास के सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर विजय यात्रा निकाली। यात्रा की शुरुआत शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माला पहनाकर की गई। रातभर पूरे गांव में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में जश्न मनाया गया और गांव की महिलाओं ने नाच गाना किया.

आपको बता दे प्रीति लांबा बचपन से ही लंबी में दौड़ में दक्ष हो चुकी थी और वह लड़कों के साथ भागती थीं और उन्हें पछाड़ देती थीं । शादी के बाद प्रीति के खिलाड़ी पति ने उनके सपनों को साकार करने के लिए अपना योगदान दिया जिसके चलते प्रीति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाई । खिलाड़ी प्रीति लांबा ने बातचीत करते हुए बताया कि इस कामयाबी तक पहुंचने में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में उन्होंने जूनियर वर्ग में गेम की शुरुआत करते हुए नेशनल गेम में मेडल हासिल किया था। फिर वह धीरे-धीरे सीनियर गेम तक पहुंची। प्रीति ने कहा कि उनका खराब समय तब आया जब 2017 में उनका सिलेक्शन एशियन गेम के लिए लगभग तय हो चुका था लेकिन उनका पैर टूट गया और वह डिप्रेशन में चली गई थी । जब गांव वापस लौटी तो जो लोग घर पर आते थे उनमें कुछ कहते थे कि शादी कर लो जबकि कुछ लोग कहते थे तुम सब कर सकती हो । उस वक्त मैंने पॉजिटिव सोच को अपनाया और आज मेडल हासिल कर सकी। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री खिलाड़ियों का बहुत सम्मान करते हैं उन्होंने खिलाड़ियों का कोटा 2500 करोड़ से बढ़ाकर 3000 करोड़ कर दिया है जिसके चलते खिलाड़ियों को और अधिक सुविधाएं मिलेंगी । सरकार के इन प्रयासों के चलते ही अब देश के मेडल की संख्या बढ़ रही है । उसने कहा कि अब ओलंपिक ही उनका टारगेट है और वह वादा करती हैं कि वह गोल्ड मेडल लेकर आएँगी ।

 

प्रीति के पति ने बताया कि जब उसकी शादी हुई तो वह नहीं चाहते थे कि खेल के प्रति प्रीति के सपने दम तोड़ जाए और उन्होंने प्रीति को साफ कहा कि वह जब तक और जहां तक खेलना चाहे वह खेल सकती हैं।

प्रीति के पिता जगदीश ने बेटी की कामयाबी पर उत्साहित होते हुए कहा कि हर औलाद अपने आप के नाम से पहचानी जाती है और जब आप औलाद के नाम से जाना जाने लगे तो इससे बड़ी कोई खुशी नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि इस कामयाबी में सभी का योगदान है है जिसमें प्रीति की खुद की मेहनत भी शामिल है ।

 

गांव के सरपंच और प्रीति के शिक्षक रहे मलिक ने बताया कि प्रीति लांबा बचपन से ही लंबी दौड़ में दक्ष हो चुकी थी और वह लड़कों के साथ भागती थी और उन्हें पछाड़ देती थी जिसके चलते वह जान चुके थे कि प्रीति एक दिन कुछ बड़ा करेगी और आज मैडल जीत कर उसने साबित कर दिया है । उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रीति ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेगी ।
क्षेत्र के समाजसेवी मनोज डागर ने डागर ने कहा कि की प्रीति ने ने पूरे क्षेत्र के साथ-साथ भारत देश का नाम रोशन किया है जिसको लेकर हम सभी को गर्व है । उन्होंने कहा कि पैर में फ्रैक्चर आने के बावजूद उसने कड़ी मेहनत की और मुकाम हासिल किया । अब हम सब क्षेत्रवासी क्षेत्रवासी चाहते हैं कि वह ओलंपिक में पदक जीतकर आए ।

About Post Author