नूंह, हरियाणा: नूंह हिंसा मामले में हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मम्मन खान के खिलाफ ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ यानी यूएपीए लगाया गया है। नगीना थाने में दर्ज एक एफआईआर में विधायक के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है। खान के वकील ने बुधवार को कहा कि पुलिस ने एफआईआर में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े हैं।
पुलिस ने खान पर हिंसा भड़काने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर करने वालों से जुड़े होने का आरोप लगाया था। एफआईआर में उन पर कई और आरोप आरोप लगाए गए हैं। खान को पिछले साल नूंह हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। आरोपी के वकील ताहिर हुसैन रूपरिया ने कहा कि उन्होंने कोर्ट से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। उसी से पता चला कि एफआईआर में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े गए हैं।
पिछले साल 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के जुलूस के दौरान नूंह में हिंसा हुई थी, जिसमें दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हुई थी। नूंह से शुरू हुई हिंसा गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में फैल गई थी। इस बीच, हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सवाल उठाया कि अदालत में चालान पेश होने के बाद नूंह पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों और नगीना पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में यूएपीए क्यों लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि यूएपीए आतंकवादियों के खिलाफ लगाया जाता है। अहमद ने ये भी सवाल उठाया कि गुरुग्राम मामले में यूएपीए क्यों नहीं लगाया गया, जहां एक इमाम की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दो होम गार्ड और बजरंग दल के एक सदस्य की हत्या और साइबर पुलिस स्टेशन पर हमले से जुड़े तीन मामलों में आरोपितों के खिलाफ यूएपीए लगाया है। शुरुआती एफआईआर में यूएपीए नहीं लगाया गया था।