KNEWS DESK – हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोरों पर है, और इसी के तहत जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 19 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें से 15 जननायक जनता पार्टी और 4 आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार हैं। इस गठबंधन का उद्देश्य प्रदेश में एक मजबूत राजनीतिक विकल्प प्रस्तुत करना है।
महत्वपूर्ण नाम और क्षेत्र
जननायक जनता पार्टी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला इस बार भी उचाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। उनके भाई, दिग्विजय चौटाला, डबवाली विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरेंगे। ये दोनों ही सीटें चौटाला परिवार के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
प्रत्याशियों की सूची
जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार:
- उचाना: दुष्यंत चौटाला
- डबवाली: दिग्विजय चौटाला
- जुलाना: अमरजीत ढांडा
- दादरी: राजदीप फौगाट
- गोहाना: कुलदीप मलिक
- बावल: रामेश्वर दयाल
- मुलाना: डॉ रविंद्र धीन
- रादौर: राजकुमार बुबका
- गुहला: कृष्ण बाजीगर
- जींद: इंजीनियर धर्मपाल प्रजापत
- नलवा: विरेंद्र चौधरी
- तोशाम: राजेश भारद्वाज
- बेरी: सुनील दुजाना सरपंच
- अटेली: आयुषी अभिमन्यु राव
- होडल: सतवीर तंवर
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार:
- सढौरा: सोहेल
- जगाधरी: डॉ अशोक कश्यप
- सोहना: विनेश गुर्जर
- पलवल: हरिता बैंसला
गठबंधन का महत्व और सीटों का बंटवारा
जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के बीच गठबंधन का ऐलान 27 अगस्त को किया गया था। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में मजबूत जातीय समीकरणों का निर्माण करना और भाजपा के मुकाबले एक प्रभावशाली राजनीतिक विकल्प पेश करना है। सीटों के बंटवारे के तहत JJP को अधिकतर सीटें मिली हैं, जबकि ASP (कांशीराम) को भी कुछ महत्वपूर्ण सीटें दी गई हैं।
आगामी रणनीति
गठबंधन के इस कदम से राज्य की राजनीति में एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। दोनों पार्टियों ने इस गठबंधन के जरिए जातीय और सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी नामों की घोषणा की जाएगी, जिससे चुनावी समीकरणों में और भी बदलाव हो सकते हैं।
हरियाणा के चुनावी रण में यह गठबंधन क्या असर दिखाएगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन एक बात साफ है कि इस बार के चुनावी मुकाबले में हरियाणा के मतदाताओं के सामने कई विकल्प होंगे, जो राज्य की राजनीति के भविष्य को तय करेंगे।