Knews Desk, पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने कहा है कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है, जो गांव-शहर, गरीबी-अमीरी, लिंग भेद और जात-पात की दीवारों को समाप्त कर सकता है। मुख्य सचिव अपने पैतृक गांव चलैला के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अपने पिता स्वर्गीय प्रो. बी.सी. वर्मा की पवित्र स्मृति में स्कूल के जरूरतमंद विद्यार्थियों को वर्दियां बांटने पहुंचे थे। इस मौके पर उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती नवदीप वर्मा और पुत्र आयान वर्मा भी मौजूद थे। मुख्य सचिव ने इस दौरान स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कॉमर्स स्ट्रीम की शुरुआत भी करवाई।
विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शिक्षा के महत्व के बारे में अपने परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि शिक्षा के कारण ही उनके परिवार में दो पीढ़ियों के बीच बड़ा बदलाव आया है। वर्मा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे पढ़ाई पर अधिक से अधिक ध्यान दें, ताकि कोई भी छात्र गांव चलैला से निकलकर बड़ी-बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि आपकी पहुंच की कोई सीमा नहीं होगी और आपकी की गई मेहनत पर भगवान भी अपनी कृपा करेंगे।
वर्मा ने अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहा कि उनके दादा जी पटवारी थे और वह कानूनगो बने, उनके पिता प्रो. बी.सी. वर्मा गांव के स्कूल में पांचवीं कक्षा तक पढ़े और फिर पटियाला से आगे की पढ़ाई कर केमिस्ट्री के प्रोफेसर बने, फिर कॉलेज के प्रिंसिपल भी बने। उनकी माता जी भी अंग्रेजी की अध्यापक और प्रिंसिपल बनीं। वर्मा ने बताया कि उनके माता-पिता की बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की सोच और ईश्वर की कृपा से ही वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज मुख्य सचिव के पद पर पहुंचे हैं।
अनुराग वर्मा ने बताया कि उनके पिता प्रो. बी.सी. वर्मा चलैला स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी क्षमता अनुसार वर्दियां और अन्य वस्त्र देते रहते थे। अब उन्होंने उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके पहले बरसी के मौके पर जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए वर्दियां, बैग और किताबें देने का प्रयास किया है। मुख्य सचिव ने इस दौरान स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रशंसा की और कार्यक्रम की तैयारी के लिए शिक्षकों को विशेष सराहना भी दी।
अपने गांव के विकास के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, मुख्य सचिव श्री अनुराग वर्मा ने गांववासियों की मांग पर गांव के स्टेडियम और लाइब्रेरी के लिए डिप्टी कमिश्नर को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच है कि पंजाब के युवाओं को नशों से दूर रखा जाए, इसलिए राज्य के गांवों में स्टेडियम और लाइब्रेरियां विकसित की जा रही हैं। मुख्य सचिव ने अपने परिवार के साथ अपनी पैतृक हवेली भी देखी और भावुक होकर पुरानी यादों को ताजा करते हुए गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया। गांववासियों, पंचायत, स्कूल और जिला प्रशासन द्वारा मुख्य सचिव का विशेष सम्मान भी किया गया।
इस दौरान डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे, एसएसपी डॉ. नानक सिंह, एसपी सरफराज आलम, एडीसी (ज) कंचन, एसडीएम अरविंद कुमार, स्कूल के प्रिंसिपल करमजीत सिंह, संजीव पुरी, गांववासी राम सिंह, जसविंदर सिंह, जगमोहन मलिक, गुरमुख सिंह, जसविंदर सिंह, बलबीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, ट्विंकल, अवतार सिंह, उगर सिंह, दीपक कुमार और अन्य गांववासी, स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी भी मौजूद थे।