Knews Desk, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए पिछले साढ़े 9 वर्षों से लगातार प्रयास कर रही है। इसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मिशन @ 60,000 की शुरुआत की है और मुख्यमंत्री ने ठेकेदार सक्षम युवा योजना के पोर्टल का उद्घाटन किया। इसके तहत सरकार इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्रीधारी 10,000 युवाओं को 3 महीने की विशेष ट्रेनिंग देगी। सरकार की इस पहल से युवाओं को स्वरोजगार के नये अवसर मिलेंगे।
मनोहर लाल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार राज्य में बुनियादी ढांचे से संबंधित निर्माण कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करके कुशल ठेकेदार तैयार करेगी। प्रशिक्षण की आधी अवधि में इन युवाओं को इंजीनियरिंग से संबंधित कार्य सिखाए जाएंगे, जैसे लेआउट प्लान तैयार करना, विस्तृत ड्राइंग को समझना और लागू करना, तकनीकी गणना और गुणवत्ता बनाए रखना। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रशिक्षण अवधि के शेष आधे हिस्से में, उन्हें सिविल कार्य स्थलों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए विभिन्न विभागों में भेजा जाएगा। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इच्छुक पात्र युवाओं के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल बनाया गया है। पोर्टल आज लॉन्च किया गया है। युवाओं को सीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इन युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिसके आधार पर वे प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों और पंचायतों से 25 लाख तक का निर्माण कार्य प्राप्त कर सकेंगे। मनोहर लाल ने कहा कि स्वरोजगार स्थापित करने में रुचि रखने वाले प्रशिक्षित युवाओं को 20 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी और यह योजना युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगी।
गैर वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने वन मित्र योजना और वन मित्र पोर्टल लॉन्च किया है। वन मित्र बनने के लिए 1.80 लाख लोग पंजीकरण करा सकते हैं। प्रत्येक वन मित्र को संयंत्र के रखरखाव के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्य भर में वन क्षेत्रों को बढ़ाने, वनीकरण की उत्तरजीविता दर में वृद्धि सुनिश्चित करने और गैर-वन क्षेत्रों पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में स्थानीय जनता को सीधे शामिल करना है। प्रत्येक वन मित्र अधिकतम 1000 पौधे लगा सकता है। 18 से 60 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति वन मित्र बन सकता है।
मनोहर लाल ने कहा कि योजना के पहले चरण में 7500 वन मित्रों का चयन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। एक वन मित्र अपने गाँव, कस्बे या शहर में वृक्षारोपण के लिए गैर-वन भूमि का चयन कर सकता है। यदि रोपा गया पेड़ वन मित्र की अपनी जमीन पर उगता है तो उन्हें पेड़ का मालिक माना जाएगा। वन मित्रों और भूमि मालिकों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। इसके मुताबिक मालिक कम से कम 10 साल तक पेड़ नहीं काटेगा।
उन्होंने आगे बताया कि योजना के अनुसार, पहले वर्ष में वन मित्रों का पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। वन मित्रों द्वारा वृक्षारोपण किया जाएगा।