KNEWS DESK – होली का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और सौहार्द्र का प्रतीक भी है। भारत में होली का उत्सव अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है, विशेष रूप से काशी, मथुरा और वृंदावन की होली विश्वभर में प्रसिद्ध है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी होली का विशेष महत्व है। सनातन धर्म में त्योहारों को मनाने के लिए पंचांग का महत्व सदियों से रहा है।
इस वर्ष 14 मार्च 2025 को होली का पर्व मनाया जाएगा। होली का दिन नए कार्यों की शुरुआत, धार्मिक अनुष्ठानों और परिवार के साथ खुशियों को साझा करने का उत्तम अवसर होता है। इस दिन घर की छत पर लगे ध्वज को बदलना शुभ माना जाता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि और मान-सम्मान बढ़ता है।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
होली के दिन भगवान गणपति, श्रीकृष्ण और शिव जी को गुलाल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह ईश्वर के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति लाने का प्रतीक है। इस वर्ष होली के दिन मीन संक्रांति भी पड़ रही है, जिसके कारण इस दिन तांबे के सूर्य की तस्वीर घर में स्थापित करना अत्यंत लाभकारी होगा। ऐसा करने से व्यक्ति के सम्मान में वृद्धि होती है और रोग-दोष दूर रहते हैं।
पुण्य कर्म और दान का महत्व
होली के दिन जरूरतमंदों को मिठाई और अन्य खाद्य सामग्री बांटना पुण्यकारी माना जाता है। इससे ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, जीवनसाथी के साथ विशेष रंगों से होली खेलना दांपत्य जीवन को मधुर और प्रेमपूर्ण बनाता है।
पंचांग विवरण – 14 मार्च 2025
- तिथि: पूर्णिमा (13 मार्च 2025, सुबह 10:35 – 14 मार्च 2025, दोपहर 12:23)
- पक्ष: शुक्ल
- वार: शुक्रवार
- नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी
- योग: शूल
- राहुकाल: सुबह 11:01 – दोपहर 12:30
- सूर्योदय: सुबह 6:32
- सूर्यास्त: शाम 6:29
- चंद्रोदय: शाम 6:38
- चंद्र राशि: सिंह
- सूर्य राशि: कुंभ
- दिशा शूल: पश्चिम
शुभ मुहूर्त – 14 मार्च 2025
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:55 – सुबह 5:44
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:07 – दोपहर 12:54
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:26 – शाम 6:51
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 – दोपहर 03:18
- अमृत काल: सुबह 12:56 – दोपहर 2:42 (15 मार्च)
- निशिता काल: रात 12:06 – प्रातः 12:54 (15 मार्च)
चंद्र ग्रहण और प्रभाव
इस वर्ष होली के दिन चंद्र ग्रहण भी रहेगा, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
अशुभ मुहूर्त – 14 मार्च 2025
- यमगण्ड: दोपहर 3:30 – शाम 5:59
- आडल योग: सुबह 6:46 – सुबह 11:42
- गुलिक काल: सुबह 8:02 – सुबह 9:31