KNEWS DESK – हरतालिका तीज, भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस वर्ष, हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 को पड़ेगी। इसके अगले दिन गणेश चतुर्थी का त्योहार होता है। यह व्रत विशेष रूप से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करने और पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। अविवाहित महिलाएं भी इस दिन योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। आइए जानते हैं इस पावन अवसर पर पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची और व्रत का महत्व।
हरतालिका तीज पूजा सामग्री की सूची
हरतालिका तीज की पूजा के लिए कुछ खास सामग्री की जरूरत होती है। इन सामग्रियों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। यहाँ उन वस्तुओं की सूची दी गई है जो इस व्रत के दौरान आवश्यक होती हैं|
सामग्री की सूची-
- गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर – पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है, इसलिए उनकी मूर्ति या तस्वीर जरूरी है।
- भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति – पूजा के लिए गीली मिट्टी से बने भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियाँ तैयार करें। यदि आप बाजार से प्रतिमा ले रहे हैं, तो मिट्टी की प्रतिमा ही चुनें।
- पूजा की थाली – पूजा सामग्री को सजाने और अर्पित करने के लिए थाली की जरूरत होती है।
- दीपक, रुई, धूप – दीपक जलाने के लिए तेल या घी के साथ रुई का उपयोग करें। धूप भी जलाएं।
- अक्षत (चावल) – अक्षत, जिसे चावल के रूप में भी जाना जाता है, पूजा में अर्पित करने के लिए।
- फूल – पूजा स्थल को सजाने और भगवान को अर्पित करने के लिए फूलों की आवश्यकता होती है।
- बेल पत्र – बेल पत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं।
- धतूरा – इसे भी पूजा में अर्पित किया जाता है।
- फल – पूजा के दौरान भगवान को फल अर्पित करें।
- नारियल – नारियल को भी पूजा में शामिल करें।
- सिंदूर – विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर भी आवश्यक है।
- मेहंदी – माता पार्वती के श्रृंगार के लिए मेहंदी का उपयोग करें।
- साड़ी या लहंगा – माता पार्वती के श्रृंगार के लिए साड़ी या लहंगा रखें।
- वस्त्र – भगवान शिव के लिए वस्त्र।
- प्रसाद (भोग) – पूजा के बाद भगवान को भोग अर्पित करें।
- जल – पूजा के लिए पवित्र जल।
- पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण।
- लौंग, इलायची – पूजा में सुगंध और शुभता के लिए।
- शहद – पूजा में शहद का भी उपयोग करें।
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, जो दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि के प्रतीक हैं। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने पारिवारिक जीवन को खुशहाल और स्थिर बनाने के लिए प्रयास करती हैं।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
क्रोध से बचें: व्रत रखने वाली महिलाओं को क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए और शांतिपूर्वक व्रत करना चाहिए।
व्रत का पालन: व्रत को पूरी श्रद्धा और नियम के अनुसार निभाएं।
सोने से बचें: दिन के समय सोने से बचें और ध्यान और पूजा में समय बिताएं।
वाद-विवाद से दूर रहें: किसी के साथ वाद-विवाद करने से बचें और अपने मन में किसी के प्रति बुराई न रखें।