KNEWS DESK : हर साल फाल्गुन माह में ये पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। होली का त्योहार होलिका दहन के साथ ही शुरू होता है। होलिका दहन के अगले दिन रंग-गुलाल के साथ होली खेली जाती है। इस साल 07 मार्च को पूरे भारत में होलिका दहन किया जाएगा। फिर अगले दिन 08 मार्च को होली खेली जाएगी। हिंदू धर्म में होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होलिका की आग में लोग जौ की बाल और शरीर पर लगाए गए उबटन को डालते हैं। माना जाता है कि होलिका दहन करने से आसपास की नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं और जीवन में खुशहाली आती है। होलिका दहन के वक्त अपने कपड़ों के रंगों का चुनाव भी काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में जरूरी है कि इस खास दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए।
होलिका दहन के वक्त कुछ ऐसे रंग हैं जिनके वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इस दिन किसी से न उधार लेना चाहिए और न ही किसी को उधार देना चाहिए।
हिंदू धर्म के अनुसार होलिका दहन पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को सेलिब्रेट कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश भी दिया जाता है। होलिका दहन के वक्त काले और सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है। सफेद रंग पर नकारात्मकता का प्रभाव जल्द हो सकता है। यही कारण है कि इन दोनों रंगों का उपयोग नहीं करते हैं।
- होलिका दहन के पहले शरीर पर उबटन लगाने से शरीर की सारी निगेटिविटी खत्म हो जाती है।
- जब भी होलिका दहन की पूजा करने बैठें तो हमेशा अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर ही रखें।
- होलिका दहन की रात में मां लक्ष्मी की पूजा कर धन, वैभव की कामना करते हुए आशीर्वाद मांग सकते हैं।
- होलिका दहन के दिन सड़क पर रखी वस्तुओं को नहीं उठाना चाहिए।