KNEWS DESK – दिवाली का त्योहार रोशनी का पर्व है, जिसे हर कोई बड़े उत्साह से मनाता है। इस दिन जलाए जाने वाले दीपकों से हर घर की शोभा बढ़ जाती है। आइए जानते हैं कि दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए और उन्हें किन-किन स्थानों पर रखना शुभ माना जाता है।
दिवाली पर दीपक जलाने की परंपरा
आपको बता दें कि दिवाली का पर्व “प्रकाश का पर्व” भी कहा जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं। दिवाली के पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जब पहला दीपक जलाया जाता है। धनतेरस पर जलाया जाने वाला दीपक यमदेव को समर्पित होता है और इसे घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखा जाता है।
कितने दीपक जलाने चाहिए
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि शुभ कार्यों में विषम संख्या में दीपक जलाने चाहिए। इस पर्व पर कम से कम 5 दीपक जलाना आवश्यक माना जाता है। इसके अलावा, 7, 9, 11, 51 या 101 दीपक जलाना भी शुभ है। दिवाली पर सरसों के तेल के दीपक जलाने की परंपरा है, जिससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
दीपक जलाने के शुभ स्थान
- पूजा स्थल: घर के मंदिर या पूजा स्थल में दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है।
- तुलसी के पौधे के पास: तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- तिजोरी या धन रखने के स्थान पर: जहां पैसे या गहने रखे जाते हैं, वहां दीपक जलाना धन को स्थायी रूप से बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
- मुख्य द्वार: घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि घर में प्रवेश करती है।
- पीने का पानी: उस स्थान पर दीपक रखें, जहां परिवार का पीने का जल आता हो।
- रसोई: रसोई में दीपक जलाने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है, जो घर में अन्न और समृद्धि लाती हैं।
- खिड़कियां और बालकनी: सभी खिड़कियों, बालकनी और दरवाजों पर दीपक जलाने से घर में रोशनी फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- आंगन या छत: घर के आंगन या छत पर दीपक जलाने से पूरे घर में उजाला रहता है और यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।