KNEWS DESK- सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार काफी विशेष माना जाता है| दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है| इस बार धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा| इस दिन को काफी शुभ और फलदायी माना जाता है| इस दिन लोग सोने, चांदी की खरीदारी करते हैं| साथ ही इस दिन विशेष तौर पर 13 दीये जलाने की परंपरा है| इस दिन 13 दीपों को अलग-अलग जलाना काफी शुभ माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं, इसके पीछे कौन सा रहस्य छुपा है? चलिए हम आपको बताते हैं|
धनतेरस के दिन 13 दिये जलाने के पीछे का रहस्य
♦ धनतेरस के दिन 13 पुराने दीयों को घर के बाहर कूड़ेदान के पास दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके अवश्य जलाएं| मान्यता है, ऐसा करने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय कम होता है|
♦ सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दूसरा दीया घी से जलाकर घर के मंदिर में अवश्य रखें|
♦ धन, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी के सामने तीसरा दीया जलाएं|
♦ चौथा दीया तुलसी मां के सामने जलाना चाहिए| ऐसा करने से घर में सुख, शांति सदैव बनी रहती है|
♦ पांचवें दीये को घर के सामने वाले दरवाजे पर रखना चाहिए| यह घर से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है|
♦ छठा दीया सरसों के तेल से जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखा जाता है| मान्यता है कि इससे आर्थिक संकट दूर होते हैं|
♦ सातवां दीया किसी मंदिर में जलाना चाहिए| इससे घर में खुशहाली बनी रहती है|
♦ नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से बचने के लिए आठवां दीया कूड़ेदान के पास जलाया जाता है|
♦ अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए नौवें दीये को शौचालय के बाहर जलाना चाहिए|
♦ दसवां दीया घर की छत पर जलाना चाहिए| इससे जीवन से अंधकार दूर होकर उजाला छा जाता है|
♦ ग्यारहवां दीया घर की खिड़की के पास जलाया जाता है| ये दीया बुरी और नकारात्मक ऊर्जा से लड़ने में मदद करता है|
♦ बारहवां दीया घर के सबसे ऊंचे स्थान पर जलाया जाता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है|
♦ अंत में, तेरहवां दीया घर के चौराहे को सजाने के लिए रखा जाता है| ये जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है|