KNEWS DESK – दीपावली, जिसे हम रोशनी और उमंग के त्योहार के रूप में मनाते हैं| दीपोत्सव 2024 की शुरुआत 29 अक्टूबर से हो रही है, और इस साल दिवाली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को पूरे देश में मनाई जाएगी। इस अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का की जाती है साथ ही घर की सजावट भी की जाती है। साथ ही इस अवसर पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के दरवाजे पर रंगोली बनाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। न केवल यह त्योहार की शोभा बढ़ाती है, बल्कि वास्तु-शास्त्र के अनुसार, रंगोली बनाने से घर की नकारात्मकता भी दूर होती है। लेकिन, रंगोली बनाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। आइए जानते हैं रंगोली बनाने के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए।
1. देवी-देवताओं की छवि का प्रयोग न करें
अगर आप बाजार से रेडीमेड रंगोली खरीद रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि उसमें भगवान गणेश, लक्ष्मी या अन्य किसी देवी-देवता की छवि नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है। यदि आप स्वयं रंगोली बना रहे हैं, तो भी देवी-देवताओं की कृति न बनाना बेहतर है।
2. स्वास्तिक और ओम के चिन्ह
अगर आप हाथ से रंगोली बना रहे हैं, तो स्वास्तिक या ओम का चिन्ह न बनाएं। ये चिन्ह पूजा और धार्मिक अवसरों पर इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन रंगोली में इनका प्रयोग उचित नहीं माना जाता।
3. रंगों का चयन
वास्तु के अनुसार, रंगोली में रंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
- पूर्व दिशा: पीले, लाल, हरे और गुलाबी रंग का प्रयोग करना बेहतर होता है।
- उत्तर दिशा: बैंगनी और नारंगी रंग का प्रयोग करें।
- दक्षिण दिशा: यहाँ लहरिया डिजाइन की रंगोली नहीं बनानी चाहिए। आयताकार रंगोली बनाना लाभदायक होता है।
4. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
रंगोली केवल सजावट का साधन नहीं है, बल्कि यह उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है। मां लक्ष्मी का वास उन्हीं घरों में होता है, जहाँ सुख-शांति और उत्सव का प्रवाह होता है।
5. मां लक्ष्मी के चरण चिन्ह
धनतेरस से लेकर दिवाली तक, हर दिन स्नान के बाद सुबह घर के मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के चरण चिन्ह बनाना चाहिए। ये पद चिन्ह घर के अंदर की ओर आते हुए होने चाहिए, ताकि मां लक्ष्मी आपके घर में विराजमान हो सकें।