Chhath Puja 2023: उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ पर्व, जानें व्रत के पीछे का इतिहास

KNEWS DESK- देशभर में बड़े ही धूम-धाम से छठ पर्व मनाया गया| आज प्रतःकाल बेला में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उनकी और मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद अपने 36 घंटे के व्रत का समापन किया|

यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े ही जश्न के साथ मनाया गया| करीब लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं ने जगह-जगह घाटों पर अपनी आस्था की उपस्थिति दर्ज करवाई| आज छठ पर्व का चौथा और आखिरी दिन था| छठ का यह पर्व 17 नवंबर 2023 नहाय खाय से शुरू हुआ था और आज 20 नवंबर 2023 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि के साथ समाप्त हुआ| चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती महिलाओं ने खरना के बाद से व्रत का संकल्प लिया था| यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है| आपको बता दें कि यह व्रत निर्जला रखा जाता है| आज इस व्रत का पारण कर महिलाओं ने छठ के प्रसाद के साथ अन्न-जल को ग्रहण कर व्रत खोला|

छठ पूजा का व्रत घर की महिलाएं रखती हैं| यह व्रत छठी मैया और सूर्य भगवान को समर्पित होता है| मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दंपतियों को संतान का वरदान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती हैं| छठ पर्व का व्रत रखने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख मिलता है| इस व्रत को पूरे नियम के साथ रखने से ही फल की प्राप्ति होती है|

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