स्वरा भास्कर ने लॉरेंस बिश्नोई पर गाने बनाने वालों को लताड़ा, बोलीं- “हम कितने बेवकूफ और खतरनाक बन गए हैं”

KNEWS DESK –  बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हमेशा अपने बेबाक और तर्कपूर्ण बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। हाल ही में, उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ भोजपुरी गानों को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। ये गाने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और सलमान खान को धमकी देने से जुड़े मामलों पर बनाए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जो सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने के कारण सुर्खियों में है, अब एक अलग वजह से चर्चा में है। हाल के दिनों में, भोजपुरी संगीत इंडस्ट्री में लॉरेंस बिश्नोई के नाम और सलमान खान के खिलाफ धमकियों पर आधारित कई गाने बनाए गए हैं। इन गानों के टाइटल हैं – “तोरा से कुछ ना होई, हमरे नाम ह लॉरेंस बिश्नोई” और “मेरा यार लॉरेंस बिश्नोई”। ये गाने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे स्पॉटिफाई, ऐप्पल म्यूजिक और जियो सावन पर उपलब्ध हैं।

https://x.com/alishan_jafri/status/1861999715895681324

एक सोशल मीडिया यूजर ने इन गानों के पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, “यह कितना खतरनाक है कि ऐसे गाने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।”

स्वरा भास्कर का रिएक्शन

स्वरा भास्कर ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “हम कितने बेवकूफ और खतरनाक बन गए हैं।” उनका यह कमेंट मिनटों में वायरल हो गया। फैंस ने उनके इस रिएक्शन का समर्थन किया और ऐसे गानों पर बैन लगाने की मांग की।

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स्वरा के बेबाक बयानों की वजह से चर्चा

यह पहली बार नहीं है जब स्वरा भास्कर ने किसी संवेदनशील मुद्दे पर अपनी राय रखी है। इससे पहले भी, वह अपने पति फहाद अहमद के चुनाव प्रचार के दौरान और उनकी हार के बाद चर्चा में आई थीं। फहाद, महाराष्ट्र के अणुशक्ति सीट से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन हार गए। इस हार के बाद स्वरा ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे।

स्वरा की निजी जिंदगी में खुशियां

पिछले साल 2023 में स्वरा भास्कर ने समाजवादी पार्टी के नेता फहाद अहमद से शादी की थी। सितंबर 2024 में, उन्होंने अपनी बेटी राबिया का स्वागत किया। स्वरा अपनी बेटी के साथ खूबसूरत पलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करती रहती हैं।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

स्वरा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कई लोगों ने ऐसे गानों को समाज के लिए खतरनाक बताते हुए स्वरा के बयान का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में रखा।