समय रैना-रणबीर अलाहबदिया को सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश, कहा – ‘बिना शर्त मांगें मागी’

KNEWS DESK – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कॉमेडियन समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया को दिव्यांगों पर की गई असंवेदनशील टिप्पणियों के लिए फटकार लगाई। अदालत ने दोनों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश देते हुए साफ कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि किसी वर्ग की गरिमा से खिलवाड़ किया जाए।

कॉमेडी पर कोर्ट की नसीहत

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि कॉमेडी जीवन का अहम हिस्सा है और इसे सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए। जस्टिस बागची ने कहा, “जब तक हम खुद पर हंसते हैं, यह ठीक है। लेकिन जब हम किसी खास वर्ग पर हंसने लगते हैं, तो संवेदनशीलता आहत होती है।” अदालत ने इन्फ्लुएंसर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे मजाक समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा दे सकते हैं।

“गंदे दिमाग की उपज”

जस्टिस सूर्यकांत ने सख्त शब्दों में कहा कि, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि गंदे दिमाग की उपज को सार्वजनिक मंच पर फैलाया जाए। अधिकार और कर्तव्य के बीच संतुलन जरूरी है। आज हम दिव्यांगों की बात कर रहे हैं, कल यह मुद्दा महिलाओं, बच्चों या वरिष्ठ नागरिकों का भी हो सकता है।”

फ्रीडम ऑफ स्पीच बनाम गरिमा

सुनवाई के दौरान SMA Cure Foundation की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य फ्रीडम ऑफ स्पीच पर अंकुश लगाना नहीं है, बल्कि गरिमा की रक्षा करना है। उन्होंने विकलांगता अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि दिव्यांगों का मजाक उड़ाना उनके अधिकारों और गरिमा का उल्लंघन है।

सुनवाई के बाद समय रैना के वकील ने मीडिया से बताया कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दोनों कॉमेडियन अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। साथ ही कोर्ट ने संकेत दिया कि अगली सुनवाई (नवंबर में) में दोनों पर जुर्माना लगाया जा सकता है, जो दिव्यांग समूहों के कल्याण के लिए इस्तेमाल होगा।