KNEWS DESK – साउथ फिल्म इंडस्ट्री की चमकते सितारे सामंथा रुथ प्रभु आज बॉलीवुड में भी एक बड़ा नाम बन चुकी हैं। भले ही उन्होंने अभी तक बॉलीवुड फिल्मों में काम नहीं किया है, लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग किसी बॉलीवुड स्टार से कम नहीं है। सामंथा की यात्रा एक मॉडल के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन इंडस्ट्री में उनके लिए ये सफर बिल्कुल आसान नहीं था।
डिजाइनर्स ने ठुकराए कपड़े
सामंथा ने एक इंटरव्यू में अपनी प्रारंभिक दिनों की कठिनाइयों को साझा करते हुए बताया कि जब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तो साउथ फिल्म इंडस्ट्री उतनी पॉपुलर नहीं थी जितनी आज है। उस समय डिजाइनर्स साउथ के कलाकारों को अपने डिजाइन किए कपड़े देने से कतराते थे। सामंथा ने कहा, “कुछ डिजाइनर्स तो साफ तौर पर मना कर देते थे। वो कहते थे कि ‘तुम कौन हो? साउथ एक्टर्स ये क्या है?’ लेकिन अब समय बदल चुका है। आज हम जहां भी जाते हैं, लोग हमें पहचानते हैं। इस मुकाम तक पहुंचने में हमने एक लंबा सफर तय किया है।”
मॉडलिंग से फिल्मी दुनिया तक
सामंथा का सफर मॉडलिंग से शुरू हुआ था, जहां उन्हें शुरुआती दिनों में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। मॉडलिंग के दौरान गुजारा करने के लिए वो एक वक्त का ही खाना खाती थीं। लेकिन उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और वो धीरे-धीरे इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने लगीं। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक नागा चैतन्य के साथ फिल्म ‘माया चेसावे’ से मिला, जिसने सामंथा को स्टारडम की राह दिखाई।
पेशेवर और व्यक्तिगत संघर्ष
सामंथा की प्रोफेशनल लाइफ जितनी उतार-चढ़ाव से भरी रही, उनकी पर्सनल लाइफ भी संघर्षों से अछूती नहीं रही। उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, चाहे वो उनके पेशेवर सफर से जुड़े हों या फिर निजी जिंदगी से। सामंथा ने इस दौरान खुद को न केवल एक बेहतर कलाकार बल्कि एक मजबूत व्यक्ति के रूप में भी ढाला।
आने वाले प्रोजेक्ट्स
अब सामंथा ने साउथ के साथ-साथ बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बना ली है। वर्कफ्रंट की बात करें तो सामंथा जल्द ही वरुण धवन के साथ ‘सिटाडेल’ के हिंदी वर्जन में नजर आने वाली हैं। ये बहुप्रतीक्षित सीरीज प्राइम वीडियो पर नवंबर में रिलीज होगी। फैंस बेसब्री से इस सीरीज का इंतजार कर रहे हैं, जहां सामंथा एक नई और रोमांचक भूमिका में नजर आएंगी।
सामंथा की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों का पीछा करते हैं, चाहे रास्ते में कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं। उनका ये सफर एक जीता-जागता उदाहरण है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।