रूस की महिला अघोरी बन पहुंचीं खगड़िया, माया-मोह त्याग कर साधना का मार्ग चुना

KNEWS DESK – रूस की एक महिला, जिसने अपने बड़े सपनों और दुनियावी उम्मीदों को त्याग दिया, आज भारत में एक अघोरी के रूप में यात्रा कर रही हैं। उनका नाम अघोर पंथ में श्री अन्नपूर्णानाथ है। जीवन की साधारणता और माया-मोह को पीछे छोड़ते हुए, उन्होंने आध्यात्मिकता और साधना का मार्ग चुना। भारत के प्रमुख साधना स्थलों का भ्रमण करते हुए, वे एक अनोखी यात्रा पर निकली हैं, जो उनकी आत्मा की खोज और साधना के लिए है।

बुलेट बाइक से साधना स्थलों का सफर

अन्नपूर्णानाथ एक खास अंदाज में यात्रा कर रही हैं—बुलेट बाइक पर। इस बाइक पर वे अपने दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएं रखती हैं और लगातार एक स्थल से दूसरे स्थल की ओर बढ़ती रहती हैं। बीते गुरुवार की रात उन्होंने खगड़िया के प्रसिद्ध योगीराज डॉ. रामनाथ अघोरपीठ, बलुआही में साधना करते हुए बिताई। शुक्रवार की सुबह उन्होंने आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान किया। आश्रम की व्यवस्था और वहां का रखरखाव उन्हें काफी पसंद आया।

इस यात्रा में उनके साथ योगी दीपकनाथ भी हैं, जो कोलकाता के बालुर घाट से आए हैं। दोनों मिलकर साधना स्थलों की यात्रा कर रहे हैं, जहां श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। शुक्रवार की सुबह अन्नपूर्णानाथ को देखने और उनके आशीर्वाद के लिए खगड़िया के लोगों में भारी उत्साह था।

साधना का मार्ग और मृत्यु की अनिवार्यता

अन्नपूर्णानाथ कम उम्र में जीवन की भव्यता और माया-मोह को त्यागकर साधना के मार्ग पर चल पड़ीं। उनका मानना है कि साधना से बढ़कर जीवन में कुछ नहीं है। माया-मोह के जाल में फंसकर लोग दुख और सुख का अनुभव करते हैं, मगर स्थायी कुछ भी नहीं है। उनके अनुसार, हर इंसान का अंतिम गंतव्य श्मशान या कब्रिस्तान होता है, और जीवन की अनिश्चितता में यही सत्य है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।

अन्नपूर्णानाथ हिंदी नहीं बोल पातीं, लेकिन वे अंग्रेजी में बेहतर संवाद करती हैं। उनके साथ चल रहे योगी दीपकनाथ उनकी बातों का अनुवाद करके लोगों तक पहुंचाते हैं। अन्नपूर्णानाथ कहती हैं कि इंसान सबकुछ पर विजय पा सकता है, मगर आज तक मौत पर विजय किसी ने नहीं पाई।

भारत के प्रमुख साधना स्थलों की यात्रा

अन्नपूर्णानाथ भारत के प्रमुख साधना स्थलों का भ्रमण कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जब यह यात्रा पूरी होगी, तो वे वापस अपने देश रूस लौटने पर विचार कर सकती हैं। खगड़िया स्थित डॉ. रामनाथ अघोरपीठ आश्रम में हर साल नेपाल, उज्जैन, कोलकाता, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों से साधक आते हैं। इस आश्रम का महत्व उन लोगों के लिए खास है जो साधना और आत्मज्ञान की खोज में होते हैं।

अन्नपूर्णानाथ की यात्रा सिर्फ एक साधारण यात्रा नहीं है, यह एक ऐसा सफर है जो आत्मा की गहराइयों में जाकर जीवन के सबसे बड़े सवालों के जवाब खोजने का प्रयास करता है।

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