फिल्ममेकर इम्तियाज अली के जन्मदिन पर जानिए उनके जुड़े कुछ अनसुने किस्से

KNEWS DESK –  बॉलीवुड में जब भी सच्चे प्यार और इमोशन्स की बात होती है, तो इम्तियाज अली का नाम सबसे पहले जेहन में आता है। उनकी फिल्मों में प्यार सिर्फ एक भावना नहीं बल्कि एक सफर होता है, जो दर्शकों को भीतर तक छू जाता है। ‘जब वी मेट’, ‘लव आजकल’, ‘हाईवे’ और ‘तमाशा’ जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने लव स्टोरीज़ को एक नई परिभाषा दी है। आज यानी 16 जून को इम्तियाज अली अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प और कम ही सुने गए किस्से।

थिएटर के दिनों में बुली होते थे इम्तियाज

बहुत कम लोगों को पता होगा कि इम्तियाज अली ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। वो दिल्ली के एक थिएटर ग्रुप में एक्टिंग सीखते थे, जहां उनके सीनियर्स थे पियूष मिश्रा, आशिष विद्यार्थी, मनोज बाजपेयी और गजराज राव। थिएटर के दिनों में इन सभी ने मिलकर मस्ती-मजाक में इम्तियाज की रैगिंग भी की थी। इतना ही नहीं, सबसे यंग होने के बावजूद उन्हें ‘प्रिंसिपल’ का रोल दे दिया गया था और मंच पर उन्हें अक्सर बुली किया जाता था। लेकिन इम्तियाज ने जल्द ही महसूस कर लिया कि वो “थोड़े फिल्मी टाइप” हैं और थिएटर उनके लिए नहीं है।

थिएटर छोड़ने के बाद इम्तियाज अली ने एडवर्टाइजिंग की दुनिया में किस्मत आजमाई। उनका मानना था कि वो एक बेहतरीन कॉपीराइटर बन सकते हैं। लेकिन नौ महीने की मेहनत के बाद भी उन्हें कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिला और उन्होंने ये फील्ड भी छोड़ दी।

‘इंटेलिजेंट डायरेक्टर’ कहे जाने वाले इम्तियाज स्कूल के दिनों में पढ़ाई में कमजोर थे। वो 9वीं क्लास में फेल हो गए थे। खुद इम्तियाज ने ये बात कुबूल की है कि वो न अच्छे स्टूडेंट थे, न ही स्पोर्ट्स में रुचि रखते थे। क्लास में बैठकर वो बस टीचर को देखते-सुनते रहते थे, लेकिन दिमाग में कुछ भी नहीं जाता था।

‘जब वी मेट’ में पहले बॉबी देओल थे हीरो

‘जब वी मेट’ आज भी रोमांटिक फिल्मों की लिस्ट में टॉप पर मानी जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म के लिए पहली पसंद शाहिद कपूर नहीं, बल्कि बॉबी देओल थे? इम्तियाज और बॉबी दोस्त थे और इम्तियाज ने दो साल तक उनका इंतज़ार भी किया, लेकिन बॉबी अन्य प्रोजेक्ट्स में व्यस्त थे। इस दौरान इम्तियाज को फाइनेंशियल संकट झेलना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने आखिरकार फिल्म बॉबी के बिना बनाने का फैसला किया। करीना कपूर ने शाहिद का नाम सुझाया और बाकी इतिहास बन गया।

‘तमाशा’ में रोमियो-जूलियट का बालकनी सीन

इम्तियाज अली की कल्पनाओं पर शेक्सपियर का गहरा असर रहा है। खासकर ‘रोमियो और जूलियट’ का बालकनी सीन उनके दिल के बेहद करीब रहा है। उन्होंने खुद बताया कि इस सीन से उनका एक खास जुड़ाव रहा है और इसीलिए उन्होंने अपनी फिल्म ‘तमाशा’ में भी इस कॉन्सेप्ट को शामिल किया।