KNEWS DESK – 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी, जिन्होंने अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज किया, अब आध्यात्मिक जीवन अपना चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने किन्नर अखाड़ा ज्वाइन किया और महामंडलेश्वर का पद ग्रहण किया। प्रयागराज के संगम में पूरे विधि-विधान के साथ पिंडदान करने के बाद, उन्हें अब “यामाई ममता नंद गिरि” के नाम से जाना जाएगा।

ममता कुलकर्णी के इस फैसले ने उनके फैंस को हैरान कर दिया है। कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या वह फिल्मों में वापसी करेंगी। इस पर ममता ने साफ शब्दों में कहा, “फिर से फिल्मों में काम करने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकती। यह अब मेरे लिए असंभव है।”
23 साल की साधना का फल
ममता कुलकर्णी ने अपने आध्यात्मिक सफर के बारे में बात करते हुए इसे 23 साल की साधना का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “अर्धनारीश्वर रूप में भगवान शिव और देवी पार्वती का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए ओलंपिक पदक जीतने जैसा है। यह सम्मान मुझे देवी आदिशक्ति के आशीर्वाद से मिला है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने किन्नर अखाड़े का हिस्सा इसलिए चुना क्योंकि यह स्वतंत्रता का प्रतीक है। यहां किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।
फिल्मी सफर का अंत
अपने फिल्मी करियर पर बात करते हुए ममता ने कहा कि मनोरंजन जीवन का केवल एक हिस्सा है। इंसान को जीवन में इससे आगे बढ़कर भी चीजों की तलाश करनी चाहिए। उन्होंने “तिरंगा”, “करण अर्जुन”, और “सबसे बड़ा खिलाड़ी” जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। लेकिन 2000 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बना ली और आध्यात्मिक राह पर चल पड़ीं।
अब ममता कुलकर्णी पूरी तरह से अपने नए जीवन में रम चुकी हैं, जहां उनका लक्ष्य आध्यात्मिक साधना और मानवता की सेवा है।